जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Evening Puja Benefits: जिस तरह प्रातः सूर्योदय से पहले उठ कर ईश्वर आराधना करना आवश्यक है, उसी तरह संध्या वंदन भी जरूरी है. इसका महत्व किसी भी तरह से कम नहीं है. सूर्यास्त के बाद संधि काल में संध्या वंदन बताया गया है. इस समय घर में दीया बाती करने की बात कही गई है. इसका अर्थ लोगों ने सिर्फ यह निकाला कि शाम के समय घर के अंदर बने पूजा घऱ में भगवान के सामने दीया जलाकर हाथ जोड़ लिया जाए, कुछ घरों में शाम के समय तुलसी जी के पौधे पर दीया जलाकर रखने की परम्परा भी चली आ रही है. कुछ घरों में तो संध्या समय यानी गोधूलि वेला में भी भगवान की आरती और भोग लगाने का नियम है. ऐसे घरों में सुख समृद्धि बनी रहती है. संध्या-काल की व्याख्या सूर्य और तारों से रहित दिन-रात की संधि को तत्त्वदर्शी मुनियों ने की है.