बुध आ गए हैं सिंह राशि में, अब से इन राशियों के भाग्य में वृद्धि

बुद्धि, विवेक, ज्ञान ,साहित्य ,लेखन शक्ति के कारक ग्रह के साथ-साथ मिथुन तथा कन्या राशि के स्वामी ग्रह राजकुमार बुध का गोचरीय परिवर्तन श्रावण शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि अर्थात 31 जुलाई 2022 दिन रविवार को रात में 12:55 बजे चंद्रमा की राशि कर्क से सूर्य की राशि सिंह में हो गया है

Update: 2022-08-02 04:34 GMT

बुद्धि, विवेक, ज्ञान ,साहित्य ,लेखन शक्ति के कारक ग्रह के साथ-साथ मिथुन तथा कन्या राशि के स्वामी ग्रह राजकुमार बुध का गोचरीय परिवर्तन श्रावण शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि अर्थात 31 जुलाई 2022 दिन रविवार को रात में 12:55 बजे चंद्रमा की राशि कर्क से सूर्य की राशि सिंह में हो गया है, जहां पर यह 20 अगस्त तक रहकर चराचर जगत सहित सभी लग्नों एवं राशियों पर प्रभाव स्थापित करेंगे । सिंह राशि बुध के मित्र राशि है ऐसे में इनका गोचरीय परिवर्तन शुभ फल के साथ-साथ संपूर्ण फल प्रदान करेगा।

भारत पर प्रभाव :- व्यापार, उद्योग, औषधि उद्योग ,धन वृद्धि के लिए के यह गोचरीय परिवर्तन लाभदायक।

आम जन मानस के लिए समय अनुकूलप्रद

राष्ट्र की जनता सुख की अनुभूति करेगी।

विद्यालयी ,विश्वविद्यालय , construction की नई योजना

आर्थिक पैकेज, प्रशासनिक क्षमता में वृद्धि, उद्योग में वृद्धि

मेष :- पराक्रम और रोग का कारक होकर पंचम भाव में।

विद्या में अवरोध के साथ वृद्धि

पराक्रम वृद्धि, बुद्धिमत्ता के आधार

संतान को लेकर थोड़ी चिंता

लाभ में वृद्धि, आय में वृद्धि

आन्तरिक शत्रु एवं रोग के कारक तनाव

भाई बंधुओ को लेकर कष्ट

उपाय :- गणेश अथर्व शीर्ष का पाठ

वृष :- सुख भाव में।

धन एवं लाभ में वृद्धि

कुटुम्भ में नया कार्य, वृद्धि

गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि

विद्या में वृद्धि

संतान को लेकर लाभ

सम्मान में वृद्धि

माता के लिए समय अनुकूल

पन्ना रत्न धारण करें।

मिथुन :- पराक्रम भाव में।

आन्तरिक डर

भाग्य में वृद्धि

मनोबल ठीक होगा

सुख, गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि

सामाजिक कद में वृद्धि,

रोजगार में ,आय में वृद्धि

उपाय :- पन्ना धारण करें और गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें।

कर्क :- धन भाव में।

खर्च में वृद्धि

कुटुम्ब में तनाव

वाणी पर संयम बरते

लिवर या इनर प्रॉब्लम

शुगर आदि की समस्या से बचें

गले की समस्या

भाई बधुओं पर खर्च

उपाय :- गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ बकरी और तोता बिल्कुल न पालें।

सिंह :- लग्न भाव में।

धनागम और आय के स्रोत में वृद्धि

परिवार के लिए समय ठीक

उत्तम विद्या, उत्तम लाभ

दाम्पत्य जीवन बेहतर

प्रेम संबंधों में मधुरता

वाणी व्यवसाय से जुड़े लोगों को लाभ

उपाय :- हरे रंग का सुगंधित रुमाल जेब मे रखें।

कन्या :- द्वादश भाव में।

स्वास्थ्य तनाव दे सकता है।

यात्रा पर ख़र्च सम्भव।

आंतरिक रोग एवं कर्ज तनाव दे सकते है।

कार्यो में अवरोध

परिश्रम करने की इच्छा में कमी

सम्मान में अचानक कमी या आलोचना

चिंता में वृद्धि विशेष कर स्वास्थ्य को लेकर

उपाय :- बुध अष्टोत्तरशत नामावली का पाठ करते रहे।

तुला :- लाभ भाव में।

भाग्य का साथ मिलेगा

व्यापारिक संबंधों में वृद्धि

पिता के सहयोग सानिध्य

विद्या ,डिग्री के लिए समय अनुकूलप्रद

संतान को लेकर भी सकारात्मक सूचना

बुद्धि का बेहतर प्रयोग कर पाएंगे।

उपाय :- सूर्योपासना लाभदायक होगा।

वृश्चिक :- राज्य भाव में।

लाभ, आय, व्यापार में वृद्धि

सम्मान ठीक

परिश्रम का लाभ मिलेगा

गृह एवं वाहन सुख उत्तम

माता का स्वास्थ्य ठीक रहेगा

8 से 16 अगस्त तक स्वास्थ्य खराब रह सकता

बुद्धि का सुव्यवस्थित प्रयोग कर पाएंगे

उपाय :- गणपति उपासना लाभदायक।

धनु :- भाग्य भाव में।

धार्मिकता बढ़ेगी

शुभता में होगी वृद्धि

आन्तरिक डर

धनागम ,रोजगार में वृद्धि

प्रेम संबंधों में वृद्धि, जीवनसाथी से लाभ, सहयोग

सम्मान में वृद्धि होगी

भाई बहनों एवं मित्रो का सहयोग सानिध्य

उपाय :- हरी मूँग या हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें

मकर :- अष्टम भाव में।

भाग्य में अवरोध

गुप्त शत्रु, पुराना रोग समाप्त हो सकता

संघर्ष के बाद धन व यश की प्राप्ति

बीमारी पर खर्च की संभावना

यश की प्राप्ति के लिए संघर्ष

शुगर आदि की समस्या

आंतरिक समस्या

उपाय :- बुध कवच का पाठ

कुम्भ :- सप्तम भाव में।

उत्तम विद्या , डिग्री आदि के लिए समयानुकूल

बुद्धिमत्ता में वृद्धि

प्रयास होगा सार्थक

रोजगार, व्यापार में विस्तार या लाभ

प्रेम संबंध जीवनसाथी से लाभ

परन्तु जीवनसाथी को स्वास्थ्य की समस्या

सन्तान को लाभ या संतान से लाभ

उपाय :- बुधवार को हरा वस्त्र धारण करें।

मीन :- षष्ट भाव में।

खर्च एवं यात्रा खर्च में वृद्धि

विद्या में अवरोध

जीवनसाथी के स्वास्थ्य के प्रति चिन्ता

गृह एवं वाहन को लेकर तनाव

आन्तरिक रोग एवं शत्रु में वृद्धि

व्यापरिक तनाव की स्थिति बनेगी

माता के स्वास्थ्य पर ध्यान दे

उपाय :- बुध कवच, गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करते रहें।


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