इस दिन से शुरू होंगे महालक्ष्मी व्रत, जानें 16 दिन तक चलने वाले कठिन उपवास का महत्व

हर इंसान चाहता है कि उस पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे. इसके लिए वह पूजा-पाठ से लेकर हर तरह के जतन करता है. मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होने वाली है.

Update: 2022-09-01 01:56 GMT
इस दिन से शुरू होंगे महालक्ष्मी व्रत, जानें 16 दिन तक चलने वाले कठिन उपवास का महत्व
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 हर इंसान चाहता है कि उस पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे. इसके लिए वह पूजा-पाठ से लेकर हर तरह के जतन करता है. मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होने वाली है. यह व्रत 16 दिनों तक रखा जाता है. इन 16 दिनों तक महिलाएं व्रत रखकर मां लक्ष्मी के लिए व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा अर्चना करती हैं. मान्यता है कि 16 दिनों का यह व्रत काफी फलदायी होता है. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन की कभी कमी नहीं रहती हैं.

इस दिन से होगी शुरुआत

भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत हो जाती है. यह व्रत 16 दिन तक रखा जाता है. इस बार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 3 सितंबर से शुरुआत हो जाएगी. व्रत का समापन अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन यानी कि 17 सितंबर को होगा.

इस समय है मुहूर्त

इस बार भाद्रपद शुक्ल की अष्टमी तिथि 3 सितंबर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से शुरू होगी और 4 सितंबर सुबह 10 बजकर 39 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. ऐसे में उदयातिथी की द्दष्टि से महालक्ष्मी व्रत 4 सितंबर से रखा जाएगा.

व्रत रखने की पौराणिक कथा

महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत के पीछे एक पौराणिक कथा है. महाराजा जिउत की कोई संतान नहीं थी. उन्होंने मां लक्ष्मी का ध्यान किया, जिसके बाद मां लक्ष्मी ने सपने में दर्शन देकर 16 दिनों का व्रत करने की बात कही. सपने में मां लक्ष्मी के दर्शन होने के बाद महाराज ने ऐसा ही किया. कहा जाता है कि व्रत रखने के बाद उनको संतान की प्राप्ति हुई, तब से ये परंपरा चली आ रही है.


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