Magh Navratri 2022: पूजा में हो जाये कोई भूल क्षमा मांगने से पूरी होती है पूजा, जानिए उपाय

इसके द्वारा हम पूजा में की गई गलतियों और भूल चूक के लिए ईश्वर से क्षमा मांगते हैं. नवरात्र में देवी पूजा में अगर कोई गलती हो जाये तो इस मंत्र को ज़रूर पढ़े.

Update: 2022-02-09 04:44 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पटना: Magh Navratri: सनातन धर्म में सभी देवी-देवताओं की पूजा पाठ के नियम बताए गए हैं. कई बार पूजा में हमसे किसी न किसी प्रकार की गलती हो जाती है. जिस तरह से शास्त्रों में प्रार्थना, स्नान, ध्यान और भोग लगाने के मंत्र भी बताए गए, ठीक वैसे ही क्षमा याचना मंत्र भी बताया गया है.इसके द्वारा हम पूजा में की गई गलतियों और भूल चूक के लिए ईश्वर से क्षमा मांगते हैं. नवरात्र में देवी पूजा में अगर कोई गलती हो जाये तो इस मंत्र को ज़रूर पढ़े.

क्षमा मांगने से पूरी होती है पूजा
क्षमा का भाव सबसे बड़ा भाव माना गया है. पूजा के समय मांगी गई क्षमायाचना हमारे रोज के जीवन में की गई गलतियों के लिए भी होनी चाहिए. जब हम ईश्वर से अपनी त्रुटियों के लिए क्षमा मांग लेते है तब कहीं जाकर पूजा संपूर्ण मानी जाती है. अपने रोज के जीवन में भी हमें अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांग लेनी चाहिए. क्षमा का भाव हमारे अंदर के अंहकार को नष्ट कर देता है.
क्षमायाचना का मंत्र
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्. पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वरी.
मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन. यत्पूजितं मया देवी परिपूर्ण तदस्तु मे..
अर्थ: हे ईश्वर या है देवी मैं आपका "आवाह्न" अर्थात् आपको बुलाना नहीं जानता हूं न विसर्जनम् अर्थात् न ही आपको विदा करना जानता हूं मुझे आपकी पूजा भी करनी नहीं आती है. कृपा करके मुझे क्षमा करें. न मुझे मंत्र का ज्ञान है न ही क्रिया का, मैं तो आपकी भक्ति करना भी नहीं जानता. यथा संभव पूजा कर रहा हूं, कृपा करके मेरी भूल को क्षमा कर दें और पूजा को पूर्णता प्रदान करें. मैं भक्त हूं मुझसे गलती हो सकती है, हे ईश्वर परमेश्वरी मुझे क्षमा कर दें.


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