मां सिद्धिदात्री कथा 2024: महानवमी के दिन पढ़ें मां सिद्धिदात्री की कथा, पूरी होंगी मनोकामनाएं

Update: 2024-10-11 02:38 GMT
मां सिद्धिदात्री कथा 2024: मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करने से भक्तों को सिद्धि और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
मां सिद्धिदात्री की पूजा की तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, नवमी तिथि की शुरुआत शुक्रवार, 11 अक्टूबर दोपहर 12 बजकर 6 मिनट होगी. नवमी तिथि का समापन शनिवार, 12 अक्टूबर दोपहर 10 बजकर 58 मिनट तक रहेगी. उदय तिथि के अनुसार,नवमी तिथि शुक्रवार, 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी|
मां सिद्धिदात्री की कथा Maa Siddhidatri Katha
मां दुर्गा के नौवे स्वरूप मां सिद्धिदात्री का है. इन्हे सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करने वाली माना जाता है. मार्कण्डेय पुराण के अनुसार मां सिद्धिदात्री को अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशित्व और वशित्व आठ प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हैं पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर आठों सिद्धियों को प्राप्त किया था. मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी हो गया था और वह अर्धनारीश्वर कहलाएं. मां दुर्गा के नौ रूपों में यह रूप बहुत ही शक्तिशाली रूप है. मान्यता है कि, मां दुर्गा का यह रूप सभी देवी-देवताओं के तेज से प्रकट हुआ है. कथा में वर्णन है कि जब दैत्य महिषासुर के अत्याचारों से परेशान होकर सभी देवतागण भगवान शिव और भगवान विष्णु के पास पहुंचे. तब वहां मौजूद सभी देवतागण से एक तेज उत्पन्न हुआ और उसी तेज से एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ, जिसे मां सिद्धिदात्री कहा जाता है|
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