दिन के आधार पर तय होता है मां दुर्गा का वाहन, जानिए इसका महत्व

चैत्र नवरात्रि में अब कुछ दिन ही बाकी हैं। इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी। हिंदू धर्म के अनुसार, मां जगदंबे के हर वाहन का अलग-अलग महत्व होता है।

Update: 2022-03-25 05:59 GMT

दिन के आधार पर तय होता है मां दुर्गा का वाहन, जानिए इसका महत्व 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चैत्र नवरात्रि में अब कुछ दिन ही बाकी हैं। इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी। हिंदू धर्म के अनुसार, मां जगदंबे के हर वाहन का अलग-अलग महत्व होता है। साल में दो बार आने वाले नवरात्रि में मां दुर्गा बार नए वाहन पर सवार होकर आती हैं। माता रानी के वाहनों का प्रभाव देश-दुनिया पर पड़ता है।

मां दुर्गा के कौन-कौन से वाहन हैं?
मां दुर्गा के वाहन डोली, नाव, घोड़ा, भैंसा, मनुष्य व हाथी हैं।
दिन के आधार पर तय होता है मां दुर्गा का वाहन-
अगर नवरात्रि सोमवार या रविवार से प्रारंभ होते हैं तो मां दुर्गा का वाहन हाथी होता है। अगर नवरात्रि शनिवार या मंगलवार से शुरू होते हैं तो माता रानी का वाहन घोड़ा होता है। गुरुवार या शुक्रवार से नवरात्रि शुरू होने पर मां जगदंबे का वाहन डोली होती है। बुधवार से नवरात्रि आरंभ होते हैं तो मां का वाहन नाव होता है।
मां दुर्गा की सवारी का महत्व-
मान्यता है कि मां दुर्गा जब हाथी पर सवार होकर आती है तो ज्यादा पानी बरसता है। घोड़े पर मां दुर्गा सवार होकर आती हैं तो युद्ध के हालात बनते हैं। नौका पर सवार होकर माता रानी आती हैं तो शुभ फलदायी होता है। अगर मां डोली पर सवार होकर आती हैं तो महामारी का अंदेशा होता है।
अलग-अलग वाहन से होती है मां दुर्गा की विदाई-
रविवार या सोमवार को मां दुर्गा भैंसे की सवारी से प्रस्थान करती हैं। जिससे देश में रोग और कष्ट बढ़ता है। शनिवार या मंगलवार को मां दुर्गा मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं। जिससे जनता में दुख और कष्ट बढ़ता है। बुधवार या शुक्रवार को देवी मां हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करती हैं। इससे बारिश ज्यादा होती है। गुरुवार को मां दुर्गा मनुष्य की सवारी से जाती हैं। इसका अर्थ है कि सुख-शांति बनी रहेगी।
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