कार्तिक पूर्णिमा इस वर्ष आठ नंवबर को है। इसी दिन वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण लग रहा है। चंद्रग्रहण लगने के लिए इसका प्रभाव त्योहार पर भी पड़ रहा है। दरअसल इसी दिन देव दीपावली मनाने की पंरपरा रही है, लेकिन चंद्रग्रहण और सूतक का व्यापक प्रभाव होने के कारण देव दीपावली एक दिन पूर्व अर्थात सात नंवबर सोमवार को मनायी जाएगी। शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा सात नवंबर सोमवार को ही संध्या 04:16 बजे प्रवेश हो रही है, जो कि आठ नंवबर मंगलवार संध्या 04:32 तक रहेगी। इसलिए सात को देव दीपावली मनायी जा सकती है।
आठ को सुबह 8:20 बजे से लग रहा है सूतक
वेदाचार्य पंडित रमेशचंद्र त्रिपाठी ने बताया कि आठ नंवबर को दोपहर 2:41 बजे चंद्रग्रहण शुरू हो रहा है, जिसका मोक्ष संध्या 6:20 बजे होगा। संध्या 5:30 बजे से 6:19 तक लोग चंद्रग्रहण देख सकेंगे। ग्रहण से पहले सुबह 8:20 मिनट बजे से सूतक लग जाएगा। इसलिए सुबह पूजा करने के बाद सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे। चंद्रग्रहण के मोक्ष के बाद संध्या साढ़े छह बजे से मंदिरों की सफाई और देवी- देवताओं के वस्त्र बदलने के बाद ही पट खुलेंगे और पूजा अनुष्ठान प्रारंभ होंगे।
पंडित रमेशचंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि ग्रहण के समय विशेष परहेज की जरूरत होती है। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के समय मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। लोगों को चाहिए कि सूतक लगने से पूर्व ही घर में रखे हुए खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दें। ग्रहण काल के दौरान भोजन करने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए। ग्रहण समाप्ति के बाद पानी में गंगा जल मिला कर स्नान करें और पूरे घर में गंगा जल छिड़कें।
ऐसे लगता है चंद्रग्रहण
जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है। इस घटना को चंद्रग्रहण कहते हैं। आठ नंबवर को चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ रहा है। मंगलवार को चंद्रोदय संध्या 4:57 बजे हो रहा है लेकिन साढ़े पांच बजे से आसामन में पूर्ण चंद्रग्रहण देख सकेंगे।