होली पर राशि के अनुसार लकी रंग चमकाएगा किस्मत, गलत रंगों से बचें
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नई दिल्ली: होली आपसी मतभेद मिटाकर गले मिलने का सुअवसर है. परंतु, कई बार खुशी का मौका गम में बदल जाता है. प्रेम का प्रवाह नफरत में परिवर्तित हो जाता है. मानव शरीर पर रंगों का वैज्ञानिक और ज्योतिषीय प्रभाव दोनों ही पड़ता है. यह इंसान की मनोवृति प्रभावित करता है. अनुकूल रंग मूड को बढ़िया बना सकता है. वहीं गलत रंग आपको आपस में भिड़ा सकता है. ऐसे में गलत रंगों से बचना चाहिए. आप यदि अपनी चंद्र राशि के अनुसार रंग लगाएं या कपड़े पहनें और खास रंग से बचें तो होली का उत्सव और रंगीन हो जाएगा. होली का त्योहार इस बार 18 मार्च को मनाया जाएगा. ऐसे में ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता 'सपाटू' से जानते हैं कि होली पर किस प्रकार रंगों का इस्तेमाल करना शुभ रहेगा.
राशि के अनुसार करें रंगों का इस्तेमाल
मेष और वृश्चिक: इन राशियों के लोग लाल, केसरिया व गुलाबी गुलाल का टीका लगाएं व लगवाएं और काले व नीले रंगों से बचें.
वृषभ और तुलाः आपको सफेद, सिल्वर, भूरे, मटमैले रंगों से होली क्रीड़ा भाएगी. हरे रंगों से बचें.
मिथुन और कन्या: हरा रंग आपके मनोकूल रहेगा. लाल, संतरी रंगों से बचें.
कर्कः पानी के रंगों से इस होली पर बचें. आसमानी या चंदन का तिलक करें या करवाएं. काले-नीले रंगों से परहेज रखें.
सिंहः पीला, नारंगी और गोल्डन रंगों का उपयोग करें. काला, ग्रे, सलेटी और नीला रंग आपकी मनोवृति खराब कर सकते हैं.
धनु और मीनः राशि वालों के लिए पीला लाल नारंगी रंग फिज़ा को और रंगीन बनाएगा. काला रंग न लगाएं न लगवाएं.
मकर और कुंभः आप चाहे काला, नीला, ग्रे रंग जितना मर्जी लगाएं या लगवाएं, मस्ती रहेगी पर लाल, गुलाबी गुलाल से बचें.
सिंथेटिक रंगों की बजाए प्राकृतिक रंगों का करें प्रयोग
सूखे या गीले रंगों में प्राकृतिक वस्तुओं और फूलों का प्रयोग किया जा सकता है. भगवान कृष्ण होली पर टेसू के फूलों का प्रयोग करते थे. लाल रंग पवित्रता, हरा प्रकृति, नीला शांति, पीला शुद्धता, गुलाबी उल्लास तथा काला क्रूरता का आभास देता है. मेंहदी, पालक, पुदीना पीस कर छान लें और प्राकृतिक हरा रंग तैयार है. टेसू, पलाश, गुलमोहर के फूलों से लाल रंग बनाएं. हल्दी तथा गेंदे के फूल आपको पीला रंग देंगे. अमलतास, अनार के छिल्कों, चुकंदर गहरा गुलाबी रंग देगा. कचनार से गुलाबी रंग मिलेगा. थोड़ा सा केसर बहुत सा नारंगी रंग बना देता है. चाय या काफी का प्रयोग भी आप ब्राउन रंग के लिए कर सकते हैं. सूखे रंगों के लिए आप लाल, पीला व सफेद चंदन मुल्तानी मिट्टी या मैदे में मिलाकर प्राकृतिक गुलाल बना सकते हैं. यह त्वचा के लिए गुणकारी भी रहेगा