रमा एकादशी के दिन पौधा लगाने नहीं नाराज होते हैं भगवान विष्णु

Update: 2022-10-21 06:02 GMT

नई दिल्ली| भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित रमा एकादशी पर्व आज के दिन रखा जा रहा है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की उपासना करने से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता यह भी है कि रमा एकादशी व्रत रखने से मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। आज यानी 21 अक्टूबर 2022 (Rama Ekadashi 2022 Date) को यह व्रत रखा जा रहा है और इसे कठिन व्रतों में गिना जाता है। इसलिए शास्त्रों में इससे जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं। जिनका पालन करने के बाद ही यह व्रत सफल हो पाता है। आइए जानते हैं क्या है रमा एकादशी व्रत का नियम और पूजन विधि।

रमा एकादशी व्रत के दिन किसी भी वृक्ष या पौधे के पत्ते ना थोड़े। इसके साथ व्यक्ति को घर में झाड़ू लगाने से भी बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि झाड़ू लगाने से चींटी या छोटे जीव-जंतुओं की मृत्यु का डर रहता है जिससे जीव हत्या का पाप आप पर लग सकता है। इसके साथ इस दिन बाल कटवाने से भी बचें। रमा एकादशी व्रत के दिन किसी भी प्रकार का विवाद या मुंह से गलत शब्द ना निकालें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि भोजन में चावल का सेवन बिल्कुल ना करें, इसे वर्जित माना गया है। रमा एकादशी के दिन मांसाहार का सेवन भी वर्जित है। फलाहारी या सात्विक भोजन का सेवन करें। साथ ही जो लोग व्रत रख रहे हैं वह गोभी, पालक, शलगम इत्यादि खाने से बचें।

रमा एकादशी व्रत करने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु को भोग लगाएं और पूजा के बाद इसे परिवार के सभी सदस्यों ने बांट दें। रमा एकादशी के दिन गीता पाठ करने का भी विशेष महत्व है। संध्या काल में भगवान विष्णु की विशेष पूजा जरूर करें और अगले दिन किसी नजदीक के मंदिर में दान-दक्षिणा प्रदान कर आएं।

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