भगवान विष्‍णु का सबसे उग्र अवतार हैं भगवान नरसिंह, इस विधि से करें पूजा

भगवान विष्‍णु के चौथे अवतार भगवान नरसिंह ने अपने भक्‍त की रक्षा के लिए दैत्‍यराज राजा हिरण्‍यकश्‍यप का वध किया था

Update: 2021-05-22 04:24 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |   भगवान विष्‍णु  के चौथे अवतार भगवान नरसिंह  ने अपने भक्‍त की रक्षा के लिए दैत्‍यराज राजा हिरण्‍यकश्‍यप का वध किया था. दैत्‍यों से रक्षा करने वाले भगवान के इस अवतार की पूरे देश में पूजा होती है लेकिन दक्षिण भारत में इन्‍हें पूजने वालों की तादाद सबसे ज्‍यादा है. इस महीने भगवान नरसिंह की जयंती है. उनकी जयंती वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है. हिंदू धर्म में इस दिन का बड़ा महत्व है. इस साल नरसिंह जयंती 25 मई 2021 दिन, मंगलवार को हैइसलिए कहलाते हैं 'नरसिंह'

पौराणिक कथाओं के अनुसार वैशाख शुक्‍ल की चतुर्दशी को भगवान विष्णु ने दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप से अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए आधे नर और आधे सिंह के रूप में अवतार लिया था, इसीलिए उनके इस अवतार को नरसिंह अवतार कहा जाता है. तभी से इस दिन को भगवान नरसिंह की जयंती के रूप में मनाया जाता है. दैत्‍यों से रक्षा करने वाले भगवान के इस नरसिंह अवतार को दक्षिण भारत में वैष्‍णव संप्रदाय के लोग संकट के समय रक्षा करने वाले देवता के रूप में पूजते हैं. साथ ही उनकी जयंती को बहुत धूमधाम से मनाते हैं. बता दें कि भगवान नरसिंह शक्ति और पराक्रम के देवता माने जाते हैं. भगवान नरसिंह, श्रीहरि विष्णु के उग्र और शक्तिशाली अवतार कहे जाते हैं.



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