भगवान गणेश का प्रिय माह भाद्रपद प्रारंभ, जानें महत्व

त्रिदेवों द्वारा भगवान गणेश को सभी देवों में प्रथम अग्रपूजा का अधिकारी नियुक्त किया गया है।

Update: 2021-08-19 02:37 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। त्रिदेवों द्वारा भगवान गणेश को सभी देवों में प्रथम अग्रपूजा का अधिकारी नियुक्त किया गया है। इनकी आराधना के वगैर किसी भी यज्ञ- अनुष्ठान का आरम्भ नहीं हो सकता। बिघ्नों का समूलनाश करने वाले इन्हीं विघ्नहर्ता गणेश की आराधना का पवित्र पर्व भादौं माह का शुभारंभ 23 अगस्त सोमवार से हो रहा है। जिस प्रकार श्रावण माह आते ही प्राणी शिवमय हो जाते हैं तथा शिव की आराधना करके अभीष्ट कार्यसिद्धि प्राप्त कर लेते हैं। उसी प्रकार भादौं माह आते ही प्राणी गणेशमय हो जाते हैं और इनकी आराधना करके भी सभी कार्यसिद्धि हासिल कर सकते हैं। शास्त्र कहते हैं कि,'कलौ चंडी विनायकौ' अर्थात- कलयुग में माँ चंडी और गणेश की पूजा का महत्व सर्वाधिक और अतिशीघ्र फलदायी रहेगा। 

पंचमहा भूतों में गणेश जलतत्व प्रधान हैं इसीलिए रस, जिह्वा और गीलापन, जलतत्व की प्रधानता पर गणेश जी का वास है। भादौं माह में गणेश को अत्यंत प्रिय लगने वाली वर्षा भी अपने चरम पर होती है पृथ्वी जलमग्न रहती है। इसी माह में रूद्र और ब्रह्मा ने ही गणेश को गणपति के पद पर आसीन किया था। अप्रसन्नता पर कर्मो में बिघ्न डालने का कार्य भी उन्हें ही सौंप दिया था।

गणेश जी आपसे प्रसन्न हैं या अप्रसन्न, इसका ठीक प्रकार से निर्णय भादौं माह में ही किया जा सकता है। इस माह पूजा में मन न लगना, कार्य भागदौड़ के बाद भी न होना, विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन न लगना, अशांत रहना प्रमुख संकेत है कि गणपति आपसे रूठे हुए हैं। इसके अतिरिक्त गणपति जिससे रूठते हैं उन्हें रात्रिकाल में सोते समय स्वप्न में जल में डूबना, बाढ़ देखना, सिर मुड़ाये मनुष्यों तथा गेरुआ वस्त्र धारण किये हुए पुरुषों को देखता है। गिद्ध, बहेलिया, चांडाल, गदहों और ऊंटो के बीच अपने आप को बैठा हुआ पाता है। प्राणी हर समय डरा-डरा सा रहता है मानो शत्रु उसका पीछा कर रहा हो। अपने आपको असहज और असहाय सा मानने लगता है बुद्धि सही तरह से निर्णय लेने में अक्षम रहती है। 

इस माह में स्वास्थ्य संबंधी अनेकों बीमारियों का भय रहता है इसलिए आयुर्वेद शास्त्र में इस माह में खान-पान के विषय में भी सावधान रहने की सलाह देता है। भादौं माह सनातन धर्म के अनेकों व्रतों, पर्वों, और उत्सवों का माह हैं जिनमें श्री गणेश चतुर्थी व्रत, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, अजा एकादशी, कुशग्रहणी अमावस्या, हरितालिका व्रत तथा सूर्य देव की आराधना का पर्व प्रमुख है। इस माह गणेश आराधना करने से सभी कार्य निर्वाध गति से चलते हैं। महाराष्ट्र एवं पडोसी राज्यों में इस माह गणेश की सर्वाधिक पूजा-आराधना होती है। घर घर में भगवान गणेश की आराधना होती है जिससे प्राणी अपने समस्त कष्टों से मुक्ति की कामना करता है।

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