आइए जानते हैं मीन संक्रांति कब है, पुण्य काल और महा पुण्य काल के बारे में

मीन संक्रांति 2022 महा पुण्य काल

Update: 2022-03-08 04:02 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सूर्य देव अभी कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं. 13 फरवरी दिन रविवार को सूर्य की कुंभ संक्रांति थी. कुंभ संक्रांति के बाद अब मीन संक्रांति आने वाली है. सूर्य देव एक राशि में करीब एक माह तक गोचर करते हैं, जब वे एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करते हैं, तो उस समय उस राशि से जुड़ी सूर्य की संक्रांति होती है. सूर्य देव क्रमश: 12 राशियों में गोचर करते हैं, वे पहले मेष से होते हुए मीन राशि तक गोचर करते हैं. मीन संक्रांति से हिन्दू कैलेंडर का वह वर्ष समापन की ओर बढ़ता है. जब सूर्य देव मेष राशि में गोचर करते हैं, तो हिन्दू कैलेंडर का नया साल प्रारंभ होता है, जिसे हिन्दू नववर्ष का प्रारंभ कहा जाता है. आइए जानते हैं, मीन संक्रांति कब है, पुण्य काल (Punya Kaal) और महा पुण्य काल (Maha Punya Kaal) के बारे में.

मीन संक्रांति 2022 महा पुण्य काल
इस साल सूर्य की मीन संक्रांति का प्रारंभ 15 मार्च दिन मंगलवार से हो रहा है. इस दिन सूर्य देव कुंभ राशि से मीन राशि में 12:30 एएम पर प्रवेश करेंगे. इस दिन मीन संक्रांति का पुण्य काल प्रात: 06 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. मीन संक्रांति का पुण्य काल 05 घंटे 59 मिनट का होगा.
मीन संक्रांति का महा पुण्य काल दो घंटे का होगा. 15 मार्च को मीन संक्रांति का महा पुण्य काल प्रात: 06 बजकर 31 मिनट से सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक रहेगा.
संक्रांति पर स्नान और दान
हिन्दू धर्म में सूर्य की सभी संक्रांतियों पर पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने की परंपरा है. मीन संक्रांति के दिन सुकर्मा योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. आप प्रात: काल में स्नान और दान से पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं. इस दिन स्नान और दान करने से ग्रह दोष और रोग भी दूर होते हैं, सूर्य देव की कृपा से आरोग्य प्राप्त होता है. मीन संक्रांति के दिन स्नान के बाद गेहूं, धान, तांबे के बर्तन, कंबल, गरम कपड़े, गुड़ आदि का दान कर सकते हैं.
मीन संक्रांति 2022 का पंचांग
सूर्योदय: प्रात: 03:31 बजे
सूर्यास्त: शाम 06:29 बजे
चन्द्रोदय: दोपहर 03:41 बजे
चन्द्रास्त: अगले दिन प्रात: 05:31 बजे
योग: सुकर्मा, अगले दिन तड़के 03:42 बजे तक.
नक्षत्र: अश्लेशा, रात 11:33 बजे तक
रवि योग: रात 11:33 बजे से अगली सुबह 06:30 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: प्रात: 06:31 बजे से रात 11:33 बजे तक
शुभ मुहूर्त: दोपहर 12:06 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक


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