जानें षटतिला एकादशी व्रत के ये 7 नियम

षटतिला एकादशी का व्रत माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है

Update: 2022-01-22 14:38 GMT

षटतिला एकादशी का व्रत माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस वर्ष षटतिला एकादशी व्रत 28 जनवरी दिन शुक्रवार को है. इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु  की पूजा विधि विधान से करते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा में तिल का प्रयोग करना जरूरी होता है. षटतिला एकादशी व्रत करने के लिए कुछ नियम हैं, जिनको मानना होता है. नियम अनुसार व्रत करने से ही व्रत सफल होता है और उसका पुण्य प्राप्त होता है. आइए जानते हैं कि षटतिला एकादशी व्रत के नियम  क्या हैं?

षटतिला एकादशी व्रत के नियम
1. षटतिला एकादशी का व्रत करने से एक दिन पूर्व से मांसाहार और तामसिक भोजन का त्याग कर देना चाहिए. लहसुन और प्याज भी नहीं खाना चाहिए.
2. एकादशी व्रत रखने वाले व्यक्ति को बैगन और चावल नहीं खाना चाहिए.
3. षटतिला एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को व्रत वाले दिन तिल का उबटन लगाना चाहिए और पानी में तिल डालकर स्नान करना चाहिए.
4. षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा में तिल का प्रयोग करें. उनको तिल का भोग लगाएं.
5. जो व्रत रखते हैं, उनको फलाहार में तिल से बने खाद्य पदार्थ एवं तिल मिला हुआ जल ग्रहण करना चाहिए.
6. षटतिला एकादशी के दिन तिल का हवन और तिल का दान करने का विधान है.
7. एकादशी व्रत के दिन पूजा के समय षटतिला एकादशी व्रत कथा का श्रवण जरूर करें. व्रत का श्रवण करने से उसका महत्व पता चलता है और व्रत का पुण्य मिलता है.
इन नियमों के अलावा आप जो भी अन्य व्रत में नियम का पालन करते हैं, उनका भी ध्यान रखना चाहिए. इस बार षटतिला एकादशी का व्रत शुक्रवार को है. इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा होती है. आज षटतिला एकादशी का व्रत करते हैं, तो आपको शुक्रवार व्रत का भी लाभ मिलेगा और माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होंगी.



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