लक्ष्मी नारायण योग, बुध और शुक्र की युति से बनता है, बुध का राशि परिवर्तन इन क्षेत्रों को करेगा प्रभावित

सितंबर का महीना ग्रहों की चाल की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है. 17 सितंबर 2021 को कन्या राशि में सूर्य का राशि परिवर्तन हुआ था. इसके बाद यानि अब 22 सितंबर 2021 को तुला राशि में बुध का राशि परिवर्तन होने जा रहा है

Update: 2021-09-19 03:06 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Mercury Transit Libra: सितंबर का महीना ग्रहों की चाल की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है. 17 सितंबर 2021 को कन्या राशि में सूर्य का राशि परिवर्तन हुआ था. इसके बाद यानि अब 22 सितंबर 2021 को तुला राशि में बुध का राशि परिवर्तन होने जा रहा है.

तुला राशि में बुध का राशि परिवर्तन
कन्या राशि में बुध वर्तमान समय में गोचर कर रहे हैं. कन्या राशि बुध की अपनी राशि मानी गई है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसा बुध को कन्या राशि का स्वामी माना गया है. बुध 22 सितंबर 2021 को प्रात: 7 बजकर 52 मिनट पर तुला राशि में प्रवेश करेंगे.
बुध का राशि परिवर्तन इन क्षेत्रों को प्रभावित करेगा
ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को गणित, कानून, संचार, वाणिज्य, त्वचा, दवा, लेखन, तर्क शास्त्र आदि का कारक माना गया है. बुध की सूर्य और शुक्र के साथ मित्रता है. शुक्र वर्तमान समय में तुला राशि में ही विराजमान है. ऐसे में बुध और शुक्र की युति व्यापार आदि से जुड़े लोगों के लिए अच्छे परिणाम ला सकती है. बुध को वाणी का भी कारक माना गया है. शुक्र को ज्योतिष शास्त्र में लग्जरी लाइफ और मनोरंजन आदि का कारक माना गया है.
लक्ष्मी नारायण योग, बुध और शुक्र की युति से बनता है
ज्योतिष शास्त्र में जब बुध और शुक्र एक साथ आते हैं तो लक्ष्मी नारायण योग बनता है. इस योग को बहुत ही शुभ योग माना गया है. इस योग के बारे में कहा जाता है कि जिस कुंडली में इस योग का निर्माण होता है, वो व्यक्ति रंक से राजा बनने की क्षमता रखता है. ऐसे व्यक्ति अपनी प्रतिभा, कला और ज्ञान से धन और मान सम्मान प्राप्त करता है. लक्ष्मी नारायण योग व्यक्ति के वैभव में वृद्धि करता है.


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