धार्मिक पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता हैं। इसी पावन दिन पर भगवान विष्णु के आठवे अवतार श्रीकृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था। जिसे कान्हा के जन्म दिवस के रूप में देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं। इस दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती हैं।
जन्माष्टमी के दिन भक्त कृष्ण भक्ति में लीन रहते हैं और व्रत पूजन करते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा बरसती है जिससे जीवन के दुख दर्द दूर हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप घर पर ही ठाकुर जी का अभिषेक कर रहे हैं तो आज हम आपके लिए संपूर्ण विधि लेकर आए हैं। माना जाता है कि इस विधि से कान्हा का अभिषेक करने से वे शीघ्र प्रसन्न होकर कृपा करते हैं तो आइए जानते हैं कान्हा जी के अभिषेक की विधि।
जन्माष्टमी पर ऐसे करें ठाकुर जी का अभिषेक—
जन्माष्टमी के शुभ दिन पर भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की विधि विधान के साथ पूजा की जाती हैं साथ ही प्रभु का अभिषेक भी होता हैं। ठाकुर जी के अभिषेक के लिए शुद्ध जल और पंचामृत जिसमें दूध, दही, घी, शहद और पानी मिलाकर तैयार किया जाता हैं। बाल गोपाल का सहस्त्रधारा से अभिषेक करें इसके लिए आप पुष्प और फलों का प्रयोग कर सकते हैं।
ज्योतिष अनुसार इस दिन प्रभु का चूर्ण स्नान करें और कपूर की आरती करें। इसके बाद पुष्पों की वर्षा कर उनकी साफ सफाई करें। जिसके बाद भगवान का पूर्ण श्रृंगार कर उन्हें भोग लगाएं और आरती करें। अब बाल गोपाल का अभिषेक विधि समाप्त करें। मान्यता है कि अगर इस विधि से अगर कान्हा का अभिषेक किया जाए तो वे शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।