Krishna Janmashtami 2021 : जाने किन चीजों के बगैर अधूरी है भगवान कृष्ण की पूजा
बाल गोपाल के जन्म का उत्सव है कृष्ण जन्माष्टमी. आज इस महापर्व पर अपने लड्डू गोपाल का पारंपरिक तरीके से श्रृंगार, विधि-विधान से पूजन और महाप्रसाद चढ़ाते समय किन बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कृष्ण जन्माष्टमी का महापर्व इस समय देश-दुनिया में मनाया जा रहा है. कान्हा की भक्ति में डूबा हुआ हर कृष्ण भक्त आज अपने आराध्य की पूज, व्रत विधि-विधान से करके उनका आशीर्वाद पाना चाहता है. उनकी साधना-आराधना के माध्यम से अपनी हर मनोकामना को पूरा करना चाहता है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि भगवान कृष्ण का यह जन्मोत्सव कुछ चीजों के बगैर अधूरा है. जी हां आज रात जब आप भगवान कृष्ण की पूजा या श्रृंगार करें तो उसमें किन चीजों का विशेष ख्याल रखना है, आइए उसे विस्तार से जानते हैं –
खीरा
जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा में खीरे का बहुत महत्व है. इसके लिए डंठल वाले खीरा ही लें क्योंकि मान्यता है कि जब किसी शिशु का जन्म होता है तो उसे उसकी मां से अलग करने के लिए गर्भनाल को काटा जाता है. इसी प्रकार जन्माष्टमी के दिन खीरे को डंठल को प्रतीक रूप से काटकर भगवान श्री कृष्ण को मां देवकी से अलग किया जाता है. इसके बाद ही अन्य पूजा की जाती है.
शंख
भगवान कृष्ण के जन्म के बाद अपने लड्डू गोपाल को नहलाने के लिए संभव हो तो शंख का प्रयोग करें. उन्हें शंख में ही दूध, जल आदि भरकर स्नान करवाएं.
मुरली एवं मोर मुकुट
भगवान श्रीकृष्ण का विधि-विधान से स्नान कराने के बाद जब आप उनका श्रृंगार करें तो उसमें उनकी प्रिय मुरली और मोर का मुकुट का प्रयोग अवश्य करें. इन सबके साथ भगवान कृष्ण के श्रृंगार में वैजयंती की माला का विशेष रूप से प्रयोग करें, क्योंकि वैजयंती की माला भगवान कृष्ण को बहुत प्रेम के साथ धारण किया करते थे. श्रृंगार में अपनी प्रिय चीजों को पाने के बाद कान्हा प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर पूरा आशीर्वाद लुटाते हैं.
प्रसाद में जरूर रखें ये चीज
भगवान श्रीकृष्ण को प्रसाद में पंजीरी, पेड़े आदि के साथ उनकी सबसे प्रिय चीज मक्खन और मिश्री जरूर रखें. साथ ही इस बात का भी पूरा ध्यान रखें कि आपके द्वारा प्रेम से चढ़ाया गया भगवान का यह भोग बगैर तुलसी दल और पंचामृत के अधूरा है.
गोमाता
जन्माष्टमी के दिन गोमाता की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि भगवान कृष्ण को गाय बहुत प्रिय थी. इसलिए लड्डू गोपाल के स्नान एवं पूजन आदि के लिए गाय का दूध और उससे बना दही, मक्खन आदि का ही सिर्फ प्रयोग न करें, बल्कि उनकी मूर्ति भी रखकर पूजें. भगवान श्रीकृष्ण के साथ गोमाता की मूर्ति अत्यंत शुभता प्रदान करने वाली है.