सात फेरे क्यों लिए जाते है और इनका अर्थ क्या है, जानिए

विहाह में सात फेरे लिए जाते है। आपकी नहीं हुई तो कोई बात नहीं शादी गए तो होंगे वहां ही देखे होंगे।

Update: 2022-01-21 06:33 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विहाह में सात फेरे लिए जाते है। आपकी नहीं हुई तो कोई बात नहीं शादी गए तो होंगे वहां ही देखे होंगे। क्या आप जानते कि विवहज में सात फेरे ही क्यों लिए जाते है और इन सात फेरों का मतलब क्या होता है। नहीं ना तो हम आज आपको बताते है की साथ फेरे क्यों लिए जाते है और इनका अर्थ क्या है।

सात फेरों का अर्थ:
सप्तपदी में पहला पग भोजन व्यवस्था के लिए, दूसरा शक्ति संचय, आहार तथा संयम के लिए, तीसरा धन की प्रबंध व्यवस्था हेतु, चौथा आत्मिक सुख के लिए, पाँचवाँ पशुधन संपदा हेतु, छठा सभी ऋतुओं में उचित रहन-सहन के लिए तथा अंतिम सातवें पग में कन्या अपने पति का अनुगमन करते हुए सदैव साथ चलने का वचन लेती है तथा सहर्ष जीवन पर्यंत पति के प्रत्येक कार्य में सहयोग देने की प्रतिज्ञा करती है।
क्यों लिए जाते है साथ फेरे:
सप्तपदी प्रथा : भारतीय संस्कृति में सात की संख्या मानव जीवन के लिए बहुत विशिष्ट मानी गई है। वर-वधु सातों वचनों को कभी न भूलें और वे उनकी दिनचर्या में शामिल हो जाएं।
इंद्रधनुष के सात रंग : इंद्रधनुष के सात रंग होते है, आकाश में इंद्र धनुष के समय वे सातों रंग स्पष्ट दिखाई देते हैं। दांपत्य जीवन में इंद्रधनुषी रंगों की सतरंगी छटा बिखरती रहे इस कामना से सप्तपदी की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
सात कदम में मैत्री : सात कदम में मैत्री मैत्री सप्तपदीन मुच्यते अर्थात एक साथ सिर्फ़ सात कदम चलने मात्र से ही दो अनजान व्यक्तियों में भी मैत्री भाव उत्पन्न हो जाता है।
सात सुरों का संगीत: वर-वधु विवाह में परस्पर मिलकर यह कामना करते हैं कि उनके द्वारा मिलकर उठाए गए सात पगों से प्रारंभ जीवन में आनंददायी संगीत के सभी सुर समाहित हो जाएँ ताकि वे आजीवन प्रसन्न रह सकें।
सात समंदर सा बंधन: सात समंदर सा बंधन मन, वचन और कर्म के प्रत्येक तल पर पति-पत्नी के रूप में हमारा हर कदम एक साथ उठें इसलिए आज अग्निदेव के समक्ष हम साथ-साथ सात कदम रखते हैं।


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