जानिए माथे पर तिलक लगाते समय क्यों किया जाता है, चावल का इस्तेमाल
हिंदू धर्म में चावल का विशेष महत्व है। चावल को हर जगह अवतार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में चावल का विशेष महत्व है। चावल को हर जगह अवतार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, चाहे कोई भी पूजा हो। इसी तरह माथे पर तिलक लगाते समय भी चावल का प्रयोग किया जाता है। तिलक केसर, कुमकुम, चंदन, रोली या हल्दी के साथ अनाज का प्रयोग जरूर किया जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है? आइए आज हम आपको बताएंगे कि ऐसा क्यों किया जाता है।
1- माथे पर तिलक लगाने के बाद चावल लगाने का कारण यह है कि चावल सबसे शुद्ध अनाज होता है। छोटी पूजा से लेकर बड़े अनुष्ठानों तक हर चीज में इसका इस्तेमाल होता है। भगवान को चावल भी चढ़ाया जाता है। यही कारण है कि चावल का प्रयोग तिलक में भी किया जाता है।
2- हिन्दू धर्म में चावल को अक्षत कहा जाता है। इसका मतलब कुछ ऐसा है जो कभी नष्ट नहीं हो सकता। वहीं कुछ लोग चावल को सफलता का प्रतीक भी मानते हैं। जब भी कोई शुभ कार्य या धार्मिक कार्य किया जाता है तो चावल का प्रयोग जरूर किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि चावल के इस्तेमाल से सभी काम बिना किसी परेशानी के पूरे हो जाते हैं। यज्ञ हवन करते समय भी देवताओं को केवल चावल ही चढ़ाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि चावल चढ़ाने से भगवान प्रसन्न होते हैं।
3- सनातन धर्म में चावल को समृद्धि का प्रतीक माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि चावल घर में सुख और धन लाता है, इसलिए घर के सभी शुभ और धार्मिक कार्यों में चावल किया जाता है।
4- ऐसी भी मान्यता है कि माथे पर तिलक के रूप में चावल लगाने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. यह दिमाग को सकारात्मक विचार देता है, जिससे काम के प्रति फोकस बढ़ता है।
5- माथे पर तिलक के रूप में चावल लगाने के अलावा इधर-उधर फेंकने की भी परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि इससे बुरी और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।