जानिए वेदों के अनुसार सबसे पहले श्री गणेश को ही क्यों पूजा जाता है

Update: 2024-06-25 04:26 GMT
वेद परम्परा के प्रथम पूजनीय श्री गणेश:- Shri Ganesh is the first worshiped deity of the Veda tradition )
ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र, सविता, मित्र, मख है।
विष्णु (प्रथम पूज्य)
लक्ष्मी
गणेश
शंकर
कृष्ण
सरस्वती
दुर्गा
इन्द्र
मख
सूर्य
हनुमान
ब्रह्मा
राम
वायु देवता
जल देवता
अग्नि देवता
शनि देवता
पार्वती
कार्तिकेय
राम
शेषनाग
कुबेर
धन्वंतरि अन्य धर्मों के पितृ देवता
इस प्रथा के दार्शनिक आधार की पहली मान्यता 
The first recognition of the philosophical basis of practice
 मनुष्य में आध्यात्मिक तत्व की अमरता है। आत्मा किसी सूक्ष्म शारीरिक आकार में प्रभावाित होती है और इस आकार के माध्यम से ही आत्मा का संसरण संभव है। असंख्य जन्ममरणोपरांत आत्मा पुनरावृत्ति से मुक्त हो जाती है।
यद्यपि आत्मा के संसरण का मार्ग पूर्वकर्मों द्वारा निश्चित होता है तथापि वंशजों द्वारा संपन्न श्राद्धक्रियाओं However, the Shraddha rituals performed by the
descendants
 का माहात्म्य भी इसे प्रभावित करता है। धर्म में दो जन्मों के बीच एक अंत:स्थायी अवस्था की कल्पना की गई है जिसमें आत्मा के संसरण का रूप पूर्वकर्मानुसार निर्धारित होता है।
पुनर्जन्म में विश्वास हिंदू तथा जैन चिंतनप्रणलियों में पाया जाता है found in Jain systems of thought। हिंदू दर्शन की चार्वाक पद्धति इस दिशा में अपवादस्वरूप है। अन्यथा पुनर्जन्म एवं पितरों की सत्ता में विश्वास सभी चिंतनप्रणालियों और वर्तमान पढ़ अपढ़ सभी हिंदुओं में समान रूप से पाया जाता है।
Tags:    

Similar News

-->