ज्योतिष न्यूज़ : नागा साधु भगवान भोलेनाथ के परम भक्त कहलाते हैं जिनके बारे में लोग बहुत कम ही जानते हैं लेकिन इनकी जीवन शैली व इनकी भक्ति के बारे में जानने की इच्छा जरूर रखते हैं नागा साधु वैसे तो बहुत कम ही दिखाई पड़ते हैं लेकिन इने कुंभ और महाकुंभ के मेले में बड़ी संख्या में देखा जा सकता है।
महाकुंभ के दिनों में विशेष तिथि पर नागा साधु स्नान को आते हैं जिसके बाद सांसारिक दुनिया से दूर अपने अखाड़ों में और गुप्त स्थानों पर चले जाते हैं इन नागा साधुओं की अपनी अलग दुनिया होती है आपको बता दें कि कई अखाड़ों से जुड़े ये नागा साधु युद्धकला में बहुत माहिर होते हैं जो कि आम साधु और संतों से अलग माने जाते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इनके बारे में महत्वपूर्ण बातें विस्तार से बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
नागा साधुओं से जुड़ी अहम बातें—
आपको बता दें कि नागा साधु अपने शरीर पर भस्म लपेटे हुए युद्ध कला में माहिर होते हैं जो कि कुंभ मेले में दिखाई पड़ते हैं इस दौरान इनका शाही स्नान होता है जिसके आगे कोई नहीं आता है। वही जब ये साधु निकलते हैं तो आम जन का प्रवेश बंद हो जाता है। ये नागा साधु घंटों धूनी रमाकर योग और तप में लीन रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये साधु हिंदू धर्म के रक्षक और योद्धा भी होते हैं। नागा साधुओं के आराध्य देव महादेव भगवान शिव होते हैं वे घटों तक भगवान शिव की आराधना करते रहते हैं। इनकी पहचान इनके तेवर से होती है। ये बहुत गुस्सैल स्वभाव के होते हैं जो कि वस्त्र की जगह अपने शरीर पर भस्म लगाएं और हाथ में त्रिशूल लिए होते हैं।
नागा साधुओं की दिनचर्या बेहद अलग और कठिन मानी जाती है यह सैन्य पंथ पर रहते हैं जो सुबह 4 बजे उठकर दैनिक कार्यों को खत्म करके योग में लीन हो जाते हैं इसके साथ ही खानपान में संयम रखते हैं। से अलग अलग जगहों पर बंटकर रहना पसंद करते हैं। ये त्रिशूल, तलवार चलाने में बहुत माहिर होते हैं जो कि शिव की अगल तरह से पूजा आराधना करते हैं। ये शंख और चिलम लेकर चलते हैं।