जानिए हरियाली तीज की पूजा की थाली में कौन सी चीजें हैं जरूरी

सावन के महीने की शुक्ल पक्ष की तृ​तीया तिथि को हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है.

Update: 2022-07-15 10:00 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन के महीने की शुक्ल पक्ष की तृ​तीया तिथि को हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है. हिंदू धर्म में यह त्योहार महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है. मान्यता है कि (Hartalika Teej 2022) इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत-उपवास रखती हैं. वहीं कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए पूजा-पाठ करती हैं. हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और मां पार्वती (Lord Shiv and Maa Parvati) का पूजन करती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं. (Hariyali Teej Pujan Vidhi) इस साल हरियाली तीज का त्योहार 31 जुलाई 2022 को मनाया जाएगा. पूजन की थाली तैयार करते समय आपको महत्वपूर्ण सामग्रियों के बारे में पता होना चाहिए. आइए जानते हैं हरियाली तीज की पूजा की थाली में कौन से वस्तुएं होनी आवश्यक हैं.

हरियाली तीज पूजन सामग्री
हरियाली तीज की पूजा के लिए थाली तैयार करते समय पूजन सामग्री में चौकी, पीला वस्त्र, केला के पत्ते, कच्चा सूत, नए वस्त्र, बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, जनेऊ, सुपारी, कलश, अक्षत्, दूर्वा, तेल, घी, कपूर, अबीर, गुलाल श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, चीनी, शहद, पंचामृत, देवी पार्वती को अर्पण करने के लिए एक हरी साड़ी और सोलह श्रृंगार, सुहाग के सामान में सिंदूर, बिंदी, चूडियां, महौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, इत्र आदि जरूर होना चाहिए. 
हरियाली तीज पूजन विधि
हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ ही भगवान ​गणेश जी का भी पूजन किया जाता है. पूजन के लिए काली मिट्टी से इनकी मूर्तियां तैयार करें. यदि यह संभव न हो तो बाजार से मूर्तियां खरीद सकते हैं.
इसके बाद एक चौकी लें और उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर इन मूर्तियों को स्थापित करें. इसके बाद मूर्तियों को नए वस्त्र पहनाएं और बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, जनेऊ, सुपारी, कलश, अक्षत्, दूर्वा, तेल, घी, कपूर, अबीर, गुलाल श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, चीनी, शहद, पंचामृत अर्पित करें.
फिर मां पार्वती को एक हरे रंग साड़ी और सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें. ध्यान रखें कि 16 श्रृंगार के साथ ही इसमें सुहाग का सामान जैसे कि सिंदूर, बिंदी, चूडियां, महौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, इत्र आदि भी होना चाहिए.
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