जानिए लव-कुश के जन्म के बाद माता सीता के पाताल में जाने की क्या हैं वजह
रामायण हिन्दू धर्म के प्रमुख धर्म ग्रंथों में से एक है, और हम सभी ने रामायण पढ़ी या देखी तो ज़रुर होगी. रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी. जिसमें प्रभु श्री राम (Lord Shri Ram) के जीवन को दर्शाया गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रामायण हिन्दू धर्म के प्रमुख धर्म ग्रंथों में से एक है, और हम सभी ने रामायण पढ़ी या देखी तो ज़रुर होगी. रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी. जिसमें प्रभु श्री राम (Lord Shri Ram) के जीवन को दर्शाया गया है. रामायण में एक वृतांत मिलता है जिसका सम्बन्ध श्री राम के पुत्रों लव और कुश के जन्म और माता सीता (Goddess Seeta) के पाताल जाने से जुड़ा हुआ है. वह कुछ इस प्रकार है कि जब श्री राम रावण पर विजय प्राप्त करके अयोध्या वापस आए और उनका राज्याभिषेक किया गया उसके बाद श्री राम ने माता सीता को त्याग दिया था और उन्हें उस समय वन में रहना पड़ा था. तब माता सीता गर्भवती थीं और उन्हें ऋषि वाल्मीकि ने अपने आश्रम में शरण दी थी. वहीं माता सीता ने अपने दोनों पुत्रो को जन्म दिया. जिन्हे महर्षि वाल्मीकि ने शिक्षा दी और यहीं आश्रम में लव-कुश का बाल्यकाल व्यतीत हुआ. कथा के बारे में हमें बता रहे हैं भोपाल के रहने वाले पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा, ज्योतिष, आइए जानते हैं.