जानिए सिंधारे भेजते समय ध्यान रखें ये बातें

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है.

Update: 2022-07-14 12:07 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है. इसे कुछ क्षेत्रों में हरितालिका तीज के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन खासतौर पर लड़कियों और महिलाओं (Hariyali Teej 2022 Date) के लिए होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत (Hariyali Teej Vrat) करती हैं. वहीं कुंवारी कन्याएं भी इस दिन तैयार होकर खूब पकवान आदि खाती हैं और अपने खुशनुमा जीवन की कामना करती हैं. कई जगहों पर हरियाली तीज के दिन मायके से सिंधारा या सिंजारा भेजा जाता है जो कि हर शादीशुदा लड़की के लिए काफी अहम होता है.

हरियाली तीज 2022 डेट
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाई जाती है, जो कि इस साल 31 जुलाई 2022 को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी. ऐसे में जो महिलाएं इस दिन व्रत करती हैं उनके लिए पूजा का शुभ समय सुबह 6 बजकर 30 मिनट से लेकर 8 बजकर 33 मिनट तक है. 
मायके से आता है सिंधारा-सिंजारा
​हरियाली तीज पर शादीशुदा महिलाओं को मायके की ओर सिंधारा भेजा जाता है जिसमें सुहाग का सामान, कपड़े और मिठाईयां होते हैं. अगर आप भी अपनी बेटी या बहन के घर में सिंधारा भेज रहे हैं तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें. 
सिंधारे भेजते समय ध्यान रखें ये बातें
बेटी के घर सिंधारा भेजते समय ध्यान रखें कि सिंधारा सावन महीने में ही भेजा जाता है. कई बार लोग व्यस्तता के कारण बाद में जब बेटी से मिलते हैं तभी उसे​ सिंधारा देते हैं, जो कि धर्म शास्त्र के अनुसार गलत है. क्योंकि सिंधारे का मतलब बेटी या बहन को आशीर्वाद देना होता है. इसके जरिए मायके वाले बेटी को उसके ससुराल में खुश रहने और अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद भेजते हैं. वैसे तो हरियाली तीज से कुछ दिन पहले ही सिंधारा भेज दिया जाता है. लेकिन यदि संभव नहीं हो पा रहा तो रक्षाबंधन के दिन जब बेटी घर आए तब उसके साथ ही सिंधारा भेजना चाहिए.
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