जानिए रवि प्रदोष व्रत के दिन करें ये उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक माह दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव शंकर को समर्पित है।

Update: 2022-06-22 07:21 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक माह दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव शंकर को समर्पित है। वार के अनुसार, प्रदोष व्रत का नाम होता है। इस बार त्रयोदशी तिथि 26 जून दिन रविवार को पड़ रही है, इसलिए इस बार ये रवि प्रदोष व्रत कहलाएगा। ये तिथि भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु बहुत महत्वपूर्ण होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विधि-विधान से प्रदोष व्रत को करने शिव जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों का जीवन सुख-शांति और समृद्धि से भर देते हैं। जो भी जातक नियम और निष्ठा से प्रदोष व्रत रखते हैं उनके सभी कष्टों का नाश होता है। अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग-अलग होती है। वार के अनुसार भी इस व्रत का महत्व और लाभ भी उसी के अनुसार प्राप्त होता है। इस बार रवि प्रदोष है इसलिए इस दिन कुछ उपाय करने से भगवान शिव के साथ सूर्य देव की कृपा भी प्राप्त होगी। आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में...

रवि प्रदोष व्रत के दिन करें ये उपाय
यदि जमीन-जायदाद से जुड़ी कोई समस्या है और इस वजह से कोर्ट कचहरी में चक्कर लगानी पड़ती है तो इससे बचने के लिए रवि प्रदोष के दिन शिवलिंग पर चावल मिश्रित जल से अभिषेक करें। इससे आपको जरूर अच्छे परिणाम देखने के मिलेंगे।
घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए रवि प्रदोष व्रत वाले दिन जौ का आटा भगवान शंकर के चरणों में स्पर्श कराएं और फिर उसकी रोटियां बना लें। इसे गाय के बछड़े या बैल को खिलाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होगा।
रवि प्रदोष व्रत वाले दिन दूध में थोड़ा-सा केसर और फूल डालकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मिठास बनी रहती है। धर्म शास्त्रों में भी मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए इस उपाय को उत्तम माना गया है।
मान्यता है कि रवि प्रदोष के दिन रुद्राक्ष या चंदन की माला से "ऊँ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करने से शरीरी में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही आत्मशक्ति मिलती है और भय दूर होता है।
इस दिन रविवार है, ऐसे में सूर्य की पूजा भी की जाती है। धन प्राप्ति का वरदान पाने के लिए सूर्य प्रदोष व्रत के दिन तांबे के कलश में पानी भर लें, तांबे के दीपक में कलावे की बाती लगाकर सूर्य स्त्रोत का दिन बार पाठ करें। एक बात का ध्यान रखें कि मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से स्वास्थ लाभ भी मिलेगा और धन में बढ़ोतरी हो सकती है।
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