Shardiya Navratriज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है लेकिन शारदीय नवरात्रि को बहुत ही खास माना गया है जो कि साल में चार बार पड़ता है जिसमें दो गुप्त नवरात्रि होती है। हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो जाता है और इसका समापन नवमी तिथि पर होता है। इस अवधि के दौरान मां दुर्गा के नौ अलग अलग स्वरूपों की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है
मान्यता है कि नवरात्रि में व्रत पूजा करने से माता का आशीर्वाद मिलता है और दुख परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि का त्योहार 3 अक्टूबर से आरंभ हो रहा है जो कि 11 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा। वही इसके अलगे दिन यानी 12 अक्टूबर को दशहरा का त्योहार मनाया जाएगा। नवरात्रि के दिनों में अगर आप पूजा पाठ और व्रत के साथ ही अखंड ज्योत जला रहे हैं तो इससे जुड़े जरूरी नियमों को जरूर जान लें माना जाता है कि तभी इसका फल मिलता है तो आज हम आपको इन्हीं नियमों के बारे में बता रहे हैं।
अखंड ज्योत से जुड़े नियम—
अगर आप शारदीय नवरात्रि में अखंड ज्योत जला रहे हैं तो ज्योत जलाते वक्त 'करोति कल्याणं,आरोग्यं धन संपदाम्,शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते' इस मंत्र का जाप जरूर करें। ऐसा करना अच्छा माना जाता है। अखंड ज्योत के दीपक को कभी भी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। इसे हमेशा अन्न जैसे जो, चावल या गेहूं की ढेरी पर रखें। इसे अच्छा माना जाता है इसके अलावा आप घी से ज्योत जला रहे हैं तो इसे दाईं ओर रखें वही तेल से जलाई ज्योत को बाईं ओर रखना चाहिए।
वही अगर आप नवरात्रि में ज्योत जला रहे हैं तो घर को कभी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। न ही घर में ताला लगाएं। ध्यान रखें कि अखंड ज्योत जलाने के लिए कभी भी टूटे हुए या पहले प्रयोग हो चुके दीपक का उपयोग न करें। नौ दिन पूरे होने के बाद ज्योत को अपने आप बुझने देना चाहिए। इसे खुद से बुझाना नहीं चाहिए ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता है।