शंख को पूजा घर में बजाने से पहले, जान ले ये महत्वपूर्ण नियम

सनातन धर्म में शंख का विशेष महत्व है.

Update: 2021-01-10 10:26 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क|  सनातन धर्म में शंख का विशेष महत्व है. इसे बहुत पूज्यनीय माना जाता है. मान्यता है कि नियमित रूप से अगर घर में शंख बजाया जाए तो इससे नकारात्मकता दूर होती है. गृह क्लेश मिटता है और सुख शांति बनी रहती है. लेकिन अगर आप भगवान की पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले शंख को नियमित रूप से बजाते हैं, तो अब से ऐसा भूलकर भी मत कीजिएगा. जानिए वजह.

पहले जानें शंख का महत्व

शंख की गिनती समुद्र मंथन से निकले चौदह रत्नों में होती है.इसे माता लक्ष्मी का भाई कहा जाता है. स्वयं भगवान विष्णु इसे अपने हाथों में धारण करते हैं. मान्यता है कि जिस घर में शंख होता है, वहां साक्षात

भगवान विष्णु निवास करते हैं. जहां विष्णु भगवान होंगे, वहां माता लक्ष्मी तो जरूर ही होंगी. यानी घर में शंख रखने से धन धान्य और संपन्नता हमेशा बनी रहती है. लेकिन शंख से जुड़े कुछ नियम भी हैं जिन्हें हर किसी को जानना जरूरी है.

ये हैं नियम

1. घर में हमेशा दो शंख होने चाहिए. एक शंख से भगवान की पूजा, उनका अभिषेक वगैरह किया जाता है, दूसरे को बजाया जाता है. लेकिन जिस शंख को आप भगवान की पूजा करते हैं, उसे कभी न बजाएं वर्ना भगवान नाराज हो सकते हैं और आपको जीवन में कष्टकारी परिणाम देखने पड़ सकते हैं.

2. ध्यान रखें कि पूजा घर में एक ही शंख रखा जाए. भगवान की पूजा के साथ उस शंख की भी पूजा करनी चाहिए.

3. पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले शंख को हमेशा पानी भरकर रखना चाहिए. पूजा के बाद इस पानी का छिड़काव घर मेंं और घर के सदस्यों पर करने से तमाम समस्याएं दूर होती हैं.

4. जिस शंख को बजाते हैं, उसे एक सफेद वस्त्र में लपेटकर पूजा के आसपास किसी स्थान पर रख सकते हैं. बजाने से पहले शंख को गंगाजल से साफ करना चाहिए.

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