जाने हरियाली अमावस्या पर बनने वाले योग मुहूर्त और पितृ दोष उपाय

हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) यानि सावन अमावस्या (Sawan Amavasya) आज 28 जुलाई दिन गुरुवार को है.

Update: 2022-07-28 05:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।    हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) यानि सावन अमावस्या (Sawan Amavasya) आज 28 जुलाई दिन गुरुवार को है. आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और उसके बाद दान करने की परंपरा है. हरियाली अमावस्या के दिन पौधे भी लगाने की परंपरा है. आज हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्धि योग बना हुआ है. ये चारों ही योग शुभ कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं. गुरु पुष्य योग धन, संपत्ति में वृद्धि करने वाला और सर्वार्थ सिद्धि योग कार्यों में सफलता प्रदान करने वाला योग है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं हरियाली अमावस्या पर बनने वाले योग मुहूर्त और पितृ दोष उपायों के बारे में.

हरियाली अमावस्या 2022 तिथि
हरियाली अमावस्या तिथि का प्रारंभ: 27 जुलाई, दिन बुधवार, रात 09:11 बजे से
हरियाली अमावस्या तिथि का समापन: 28 जुलाई, दिन गुरुवार, रात 11:24 बजे पर
हरियाली अमावस्या मुहूर्त 2022
सर्वार्थ सिद्धि योग: पूरे दिन है.
गुरु पुष्य योग: सुबह 07:05 बजे से लेकर 29 जुलाई को सुबह 05:41 बजे तक
अमृत सिद्धि योग: आज सुबह 07:05 बजे से लेकर 29 जुलाई को सुबह 05:41 बजे तक
सिद्धि योग: आज शाम 05:57 बजे से 29 जुलाई को शाम 06:36 बजे तक
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 12:55 बजे तक
हरियाली अमावस्या 2022 स्नान दान का समय
हरियाली अमावस्या या सावन अमावस्या के दिन आप प्रात:काल से पवित्र नदियों में स्नान कर सकते हैं और उसके बाद दान कर सकते हैं. इस दिन प्रात:काल से ही सर्वार्थ सिद्धि योग है. इस योग में किए गए सफल होते हैं.
हरियाली अमावस्या पर पौधरोपण
इस दिन पौधों को लगाने से सुख, समृद्धि में वृद्धि होती है और पितृ भी खुश होते हैं. आज के दिन आप नीम, पीपल, बरगद, आम, कदंब, आंवला आदि के पेड़ लगा सकते हैं. ये शुभ फलदायी होते हैं.
हरियाली अमावस्या 2022 पितृ दोष उपाय
अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए पूजा पाठ करते हैं. इस दिन स्नान के बाद आप पितरों के लिए तर्पण करें. इससे वे तृप्त होते हैं. पितरों के प्रसन्न होने से पितृ दोष दूर होता है, सुख, समृद्धि, शांति, वंश वृद्धि आदि का आशीष मिलता है.
1. हरियाली अमावस्या के दिन पितरों का स्मरण करें और काले तिल को नदी में प्रवाहित करें. इससे पितर प्रसन्न होते हैं.
2. हरियाली अमावस्या के अवसर पर पितरों का ध्यान करके पीपल के पेड़ की जड़ में जल अर्पित करें. जल में काला तिल, चीनी, चावल और फूल मिला लेना चाहिए. जल अर्पित करते समय ओम पितृभ्य: नम: मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे पितृ दोष दूर होगा और शुभ फल प्राप्त होगा.
3. हरियाली अमावस्या को स्नान दान के बाद आटे की गोलियां बना लें और उसे मछलियों को खिलाएं. ऐसा करने से भी पितृ दोष से शांति मिलती है.
4. पितृ दोष से मुक्ति के लिए हरियाली अमावस्या को पिंडदान, श्राद्ध कर्म, ब्राह्मण भोज आदि किए जाते हैं.
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