Shri Ganesh : गुफा में गिरा था पार्वती पुत्र भगवान गणेश का कटा हुआ सिर जानिए

Update: 2024-06-22 09:00 GMT
Shri Ganesh :   हिंदू धर्म में भगवान गणपति की पूजा बेहद शुभ मानी जाती है। उनकी पूजा करने से जीवन में आ रही सभी बाधाओं का नाश होता है। साथ ही घर में शुभता बनी रहती है। बप्पा की पूजा सभी देवी-देवताओं की पूजा से पहले की जाती है। उनकी पूजा के बिना कोई भी शुभ कार्य पूर्ण नहीं होते हैं। वहीं, आज हम पार्वती पुत्र भगवान गणेश (Lord Ganesha) का कटा हुआ सिर कहां गिरा था? उस स्थल के बारे में जानेंगे, जिससे जुड़ी मान्यताएं दूर-दूर तक फैली हुई हैं। इसके साथ ही यहां भारी मात्रा में भक्तों का सैलाब उमड़ता है, तो चलिए इस दिव्य धाम के बारे में विस्तार से जानते हैं -
शिव जी ने क्यों काटा था भगवान गणेश का सिर?
पौराणिक कथाओं Mythology के अनुसार, एक बार भगवान शंकर पार्वती माता से मिलने पहुंचे, लेकिन गणेश जी ने उन्हें देवी पार्वती से मिलने नहीं दिया, क्योंकि देवी ने उन्हें ऐसा करने की आज्ञा दी थी। बाल गणेश के बार-बार रोकने पर शिव जी ने क्रोध में आकर उनका सिर धड़ से अलग कर दिया था।
इसके बाद भोलेनाथ ने माता पार्वती के कहने पर हाथी का मस्तक उनके धड़ पर लगा दिया था। वहीं, इस घटना के पश्चात उस कटे हुए सिर को भगवान शंकर ने एक गुफा में सुरक्षित रख दिया था, जो आज भी मौजूद है।
इस गुफा में है गणेश जी Ganesh ji is in the cave   का कटा हुआ सिर
दरअसल, यद दिव्य गुफा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ Pithoragarh in Uttarakhand में स्थित है, जिसे पाताल भुवनेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। यह गुफा पहाड़ के 90 फीट भीतर है। इस धाम में श्री गणेश की आदि गणेश के नाम से स्थापना की गई है। ऐसा कहा जाता है कि इसे आदि शंकराचार्य ने खोजा था, जिसका वर्णन स्कंद पुराण के मानस खंड में भी है।
बता दें, गणेश जी के साथ यहां तैंतीस कोटि देवी देवता विराजमान हैं। कहा जाता है कि यहां दर्शन मात्र से भक्तों के सभी पाप कट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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