जानें चैत्र नवरात्रि 2022 व्रत के नियम

चैत्र नवरात्रि 02 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है. इस बार चैत्र नवरात्रि 09 दिनों की है. जो लोग नवरात्रि में 09 दिनों का व्रत रहेंगे, वे 11 अप्रैल को पारण करेंगे.

Update: 2022-03-23 11:37 GMT

चैत्र नवरात्रि 02 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है. इस बार चैत्र नवरात्रि 09 दिनों की है. जो लोग नवरात्रि में 09 दिनों का व्रत रहेंगे, वे 11 अप्रैल को पारण करेंगे. नवरात्रि का अवसर मां दुर्गा को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है. यदि आप भी इस साल चैत्र नवरात्रि का व्रत रखना चाहते हैं, तो उसके व्रत नियमों के बारे में जानना जरूरी है. नियमपूर्वक व्रत करने और सही विधि से पूजा करने से ही चैत्र नवरात्रि के व्रत सफल होते हैं. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की आराधना की जाती है. आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि व्रत के नियमों (Chaitra Navratri 2022 Vrat Niyam) के बारे में, ताकि आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो और माता रानी की कृपा (Maa Durga Blessings) आपको मिल सके.

चैत्र नवरात्रि 2022 व्रत के नियम
1. चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन यानी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को कलश स्थापना या घटस्थापना करना चाहिए. कलश स्थापना के साथ हम मां दुर्गा का आह्वान करते हैं. ताकि मां दुर्गा हमारे घर पधारें और नौ दिनों तक हम उनकी विधि विधान से पूजा करें.
2. कलश के पास ​एक पात्र में मिट्टी भरकर उसमें जौ बोना चाहिए. उसे नियमित जल देना चाहिए. जौ की जैसी वृद्धि होगी, उस आधार पर इस साल के जुड़े संकेत आप प्राप्त कर सकते हैं. वैसे भी मान्यता है कि जौ जितना बढ़ता है, उतनी मां दुर्गा की कृपा होती है.
3. यदि आप अपने घर पर मां दुर्गा का ध्वज लगाते हैं, तो उसे चैत्र नवरात्रि में बदल दें.
4. यदि आप नौ दिन व्रत नहीं रख सकते हैं, तो पहले और अंतिम दिन नवरात्रि व्रत रख सकते हैं.
5. नवरात्रि के समय में कलश के पास मां दुर्गा के लिए अखंड ज्योति जलानी चाहिए. उसकी पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए.
6. नवरात्रि के समय में दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. आप नहीं कर सकते हैं, तो किसी पंडित जी की मदद ले सकते हैं.
7. नवरात्रि में लाल वस्त्र, लाल रंग के आसन का उपयोग करें.
8. नवरात्रि पूजा के समय माता रानी को लौंग, बताशे का भोग लगाएं. तुलसी और दूर्वा नहीं चढ़ाएं.
9. नवरात्रि पूजा में नियमित रूप से सुबह और शाम को मां दुर्गा की आरती करें.
10. मां दुर्गा को गुड़हल का फूल बहुत प्रिय होता है. संभव हो तो पूजा में उसका ही उपयोग करें. गुड़हल न मिले, तो लाल रंग के फूल का उपयोग करें.


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