जानिए स्कन्द षष्ठी के व्रत का महत्व और मंत्र एवं पूजा विधि
प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की षष्टी के दिन स्कन्द षष्टी का व्रत एवं पूजा-अर्चना की जाती है. यह व्रत भगवान कार्तिकेय के नाम समर्पित माना जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की षष्टी के दिन स्कन्द षष्टी का व्रत एवं पूजा-अर्चना की जाती है. यह व्रत भगवान कार्तिकेय के नाम समर्पित माना जाता है. गौरतलब है कि भोले शंकर के तेज से उत्पन्न बालक कार्तिकेय का एक नाम स्कन्द कुमार भी है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव, मां पार्वती एवं भगवान कार्तिकेय, की पूजा करने से जातक के जीवन में सुख-शांति एवं समृद्धि आती है, हालांकि यह व्रत मुख्यतः शत्रुओं पर विजय, संतान की अच्छी सेहत, सुरक्षा और सुखद भविष्य के लिए रखा जाता है. इस दिन को चंपा षष्ठी भी कहते हैं. यह व्रत ज्यादातर दक्षिण भारत में मनाया जाता है. इस वर्ष स्कन्द षष्टी का व्रत एवं पूजा 5 जुलाई 2022 को पड़ रहा है. आइये जानें क्या है, स्कन्द षष्टी के व्रत का महत्व, मुहूर्त, मंत्र एवं पूजा विधि इत्यादि.