जानिए कुंभ संक्रांति का महत्व, शुभ मुहूर्त और पुण्यकाल ...
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य लगभग एक महीने एक से दूसरी राशि में अपना स्थान परिवर्तन करते रहते हैं। सूर्य के राशि परिवर्तन को ही संक्रांति कहा जाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Kumbh Sankranti 2022 Puja Vidhi Shubh Muhurat: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य लगभग एक महीने एक से दूसरी राशि में अपना स्थान परिवर्तन करते रहते हैं। सूर्य के राशि परिवर्तन को ही संक्रांति कहा जाता है। सूर्य देव अभी मकर राशि में विचरण कर रहे हैं। 13 फरवरी को सूर्य मकर राशि की अपनी यात्रा को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। करीब एक महीने तक कुंभ राशि में गोचर करने से इसे कुंभ संक्रांति कहा जाएगा। दरअसल, सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं तो इसे संक्रांति कहते हैं। सूर्य देव जिस भी राशि में जाते हैं संक्रांति उसी राशि के नाम पर पड़ती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव का आशीर्वाद पाने के लिए सूर्य चालीसा का पाठ करना बहुत लाभकारी होता है। 13 फरवरी को कुंभ संक्रांति के दिन त्रिपुष्कर और प्रीति योग का निर्माण हो रहा है जिसके कारण से इस संक्रांति का महत्व काफी बढ़ गया है। आइए जानते हैं कुंभ संक्रांति का महत्व, शुभ मुहूर्त और पुण्यकाल ...