जानिए गुरु पूजन का महत्व और मिलने वाले फल

13 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का त्योहार है। इस दिन गुरु पूजन का विशेष महत्व होता है।

Update: 2022-07-11 07:56 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 13 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का त्योहार है। इस दिन गुरु पूजन का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि है। इस तिथि पर वेद व्यास की जयंती भी मनाई जाती है और विधिवत पूजन की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर महर्षि वेद व्यास जन्म हुआ था और इन्हें प्रथम गुरु का दर्जा भी मिला है। इस तिथि को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

गुरु पूर्णिमा पर ग्रहों-नक्षत्रों का शुभ संयोग
ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार गुरु पूर्णिमा पर कई ग्रह-नक्षत्रों का शुभ संयोग भी बन रहा है। गुरु पूर्णिमा तिथि पर रुचक, भद्र और हंस योग का शुभ संयोग बन रहा है। इसके अलावा गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु, मंगल, बुध और शनि ग्रह का शुभ संयोग भी एक साथ देखने को मिल रहा है। आपको बता दें कि इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन सू्र्य-बुध की युति से बुधादित्य योग, मंगल के मेष राशि में विरामान होने के कारण रुचक योग, गुरु के मीन राशि में होने से केंद्र में हंस योग, शनिदेव के मकर राशि में होने के कारण शश योग, बुध के मिथुन में गोचर करने के कारण भद्र योग का शुभ योग बन रहा है।
गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त, राहुकाल और भद्रा
आषाढ़ पूर्णिमा जिसे गुरु पूर्णिमा के रूप मनाया जाता है। इस तिथि पर पूरे दिन भद्रा का दोष नहीं रहेगा। गुरू पूर्णिमा के दिन भद्रा का वास पाताल लोक में रहेगा। शास्त्रों के अनुसार अगर किसी महत्वपूर्ण तिथि पर भद्रा का वास पृथ्वी लोक पर रहता है तो उसमें किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन राहुकाल का समय दोपहर 12 बजकर 32 मिनट से 2 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस समय गुरु पूजा न करें। गुरु पूर्णिमा पर सूर्य के उदय के बाद गुरू पूजन करें। 13 जुलाई को सूर्य के उदय होने से पहले करीब 4 बजे पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी जो मध्य रात्रि के बाद तक रहेगी। गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रमा धनु और सूर्य मिथुन राशि में रहेंगे।
गुरु पूर्णिमा तिथि पर शुभ चौघड़िया
लाभ और अमृत - सुबह 5.41 से सुबह 9.10 बजे तक
शुभ - सुबह 10.50 से दोपहर 12.30 बजे तक
चंचल और लाभ - सुबह 3.58 बजे से शाम 7.23 तक
गुरु पूर्णिमा पूजन के लाभ
शास्त्रों में गुरु पूर्णिमा के दिन पूजन का विशेष महत्व होता है। इस शुभ तिथि पर गुरु पूजन से अनेक तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।
- जिन जातकों की कुंडली में गुरु ग्रह से संबंधित कोई दोष हो तो गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन करने से यह दोष खत्म हो जाते हैं।
- गुरु पूजन से कुंडली में मौजूद पितृदोष भी खत्म हो जाता है।
- गुरु पूजन से भाग्योदय होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास रहता है।
- गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन करने से नौकरी,व्यापार और करियर में फायदा होगा।
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