जानिए भगवान शिव की पूजा का महाउपाय

हिंदू कैलेंडर के हिसाब से अभी आषाढ़ मास चल रहा है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा के बाद सावन के महीने की शुरुआत हो जाती है

Update: 2022-07-01 10:32 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  हिंदू कैलेंडर के हिसाब से अभी आषाढ़ मास चल रहा है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा के बाद सावन के महीने की शुरुआत हो जाती है. सावन के महीने को बहुत पावन माना गया है. ये माह शिव और माता पार्वती के मिलन का महीना कहा जाता है. इस महीने में शिव जी और माता पार्वती (Shiv ji and Mata Parvati) की पूजा की जाती है. हर जगह बम भोले की गूंज सुनाई देती है. सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू होगा. कहा जाता है कि इस माह में सच्चे मन से महादेव की पूजा अर्चना करने से आपकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. ज्योतिष शास्त्र में श्रावण माह (Shravan Month) में सुख-शांति, समृद्धि और आर्थिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए तमाम ज्योतिषीय उपायों की भी बात कही गई है. यहां जानिए इन उपायों के बारे में.

दांपत्य जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए
दांपत्य जीवन में किसी भी तरह की समस्या हो, उसका समाधान आसानी से श्रावण माह में किया जा सकता है. इस माह में शिव जी का माता पार्वती के साथ पुन: मिलन हुआ था. ऐसे में पति और पत्नी मिलकर पूरे सावन के महीने में ​यदि शिवलिंग का जलाभिषेक करें, तो उनकी कामना जरूर पूरी होती है और उनके दांपत्य जीवन का हर संकट दूर होता है. मासिक धर्म के दौरान ये काम सिर्फ पति ही करें, लेकिन प्रभु से दोनों की ओर से जलाभिषेक स्वीकार करने की प्रार्थना करें.
आर्थिक समस्या दूर करने के लिए
आर्थिक परेशानी को दूर करने के लिए सावन के महीने में शिवलिंग की स्थापना कराएं और रोज इसकी पूजा करें. इससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. वहीं नौकरी में तरक्की पाने के लिए सावन के महीने की शिवरात्रि पर माता पार्वती को चांदी की बिछिया या पायल अर्पि​त करें. महिलाएं साथ में सुहाग का सामान भी अर्पित करें. इसके अलावा बैल को हरा चारा खिलाएं. इससे आर्थिक समस्याएं दूर होंगी और तमाम कष्ट कटेंगे.
रोग से छुटकारे के लिए
अगर किसी रोग से बहुत परेशान आ गए हैं और दवा काम नहीं कर रही है, तो सावन के किसी भी सोमवार के दिन शिव जी का सरसों के तेल से रुद्राभिषेक करें और उनके पंचाक्षर मंत्र 'ॐ नम: शिवाय' का जाप करें. इससे रोग और कई तरह के दोष दूर हो जाते हैं.
शनि से जुड़ी समस्याओं के लिए
यदि जीवन में शनि का प्रकोप है तो सावनभर कलश में जल लेकर उसमें काले तिल डालकर शिव जी को अर्पित करें और पंचाक्षर मंत्र की कम से कम एक माला जाप करें. इससे काफी लाभ होगा. इससे आपका दुर्भाग्य भी दूर होता है.
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