जानिए मौनी अमावस्या की सही तिथि और स्नान-दान का महत्त्व
माघ माह की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | माघ माह की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है।हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या की तिथि पर स्नान और दान का विशेष महत्व है।इस दिन को गंगा स्नान और दान के लिए पवित्र माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन गंगा नदी में सभी देवगण स्वर्ग से उतर कर स्नान करने आते हैं। मान्यता है कि इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में मौन हो कर स्नान किया जाता है। ऐसा करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन प्रयागराज और हरिद्वार में गंगा स्नान करना विशेष फलदायी मना जाता है। आइए जानते हैं मौनी अमावस्या की सही तिथि और स्नान-दान का मुहूर्त...
मौनी अमावस्या की सही तिथि –
हिंदी पंचांग के अनुसार माघ माह की अमावस्या तिथि को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में मौन हो कर नहाना लाभ प्रद माना जाता है, इसलिए इस दिन को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग गणना के अनुसार अमावस्या कि तिथि 31 जनवरी को दिन में 02 बज कर 20 मिनट पर शुरू होगी। जो कि 01 फरवरी को 11 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। उदाय तिथि के अनुरूप मौनी अमावस्या का स्नान 01 फरवरी, दिन मंगलवार को किया जाएगा। मंगलवार की अमावस्या होने के कारण भौमवती अमावस्या के संयोग का निर्माण हो रहा है।
मौनी अमवस्या पर स्नान दान का शुभ मुहूर्त –
पौराणिक मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का विधान है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अमावस्या तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त प्रातः काल 05 बज कर 34 मिनट से 06 बज कर 22 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में स्नान और दान मोक्षदायक माना गया है। हालांकि अमावस्या तिथि 01 फरवरी को 11 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। इसलिए इस काल में भी स्नान करना शुभ माना जाएगा। आमावस्या का पूजन दोपहर 02 बजे किया जा सकेगा।