जानिए गायत्री जयंती की तिथि, पूजा- विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त...
हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष गायत्री जयंती ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार गायत्री जयंती मां गायत्री का जन्मोत्सव है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष गायत्री जयंती ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार गायत्री जयंती मां गायत्री का जन्मोत्सव है। इसलिए इस दिन उनकी विशेष आराधना की जाती है। इस एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। निर्जला एकादशी को सभी एकादशी में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। गायत्री जयंती के दिन विधि- विधान से गायत्री माता की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। हिन्दू धार्मिक शास्त्रों में मां गायत्री को वेद माता के नाम से जाना जाता है। मां गायत्री के पांच मुख और दस हाथ हैं। उनके इस रूप में चार मुख चारों वेदों के प्रतीक हैं एवं उनका पांचवा मुख सर्वशक्तिमान शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। मां के दस हाथ भगवान विष्णु के प्रतीक हैं । इतना ही नहीं त्रिदेवों की आराध्य भी मां गायत्री को ही कहा गया है। आइए जानते हैं गायत्री जयंती की तिथि, पूजा- विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त...