प्रदोष व्रत 2021 हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण दिनों में से एक है क्योंकि ये भगवान शिव को समर्पित है. ये दिन चंद्र मास में त्रयोदशी तिथि, यानी शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों को मनाया जाता है.
प्रदोष व्रत प्रदोष काल के दौरान पड़ता है, जो सूर्यास्त के बाद शुरू होता है, और जब प्रदोषम मंगलवार को पड़ता है, तो इसे भौम प्रदोष के रूप में जाना जाता है.
इस महीने, शुभ दिन 2 नवंबर, 2021 को पड़ेगा. भक्त, इस दिन, एक दिन का उपवास रखते हैं और एक धनी, समृद्ध और स्वस्थ जीवन के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए उनकी पूजा करते हैं.
प्रदोष व्रत 2021: तिथि और शुभ मुहूर्त
दिनांक: 2 नवंबर, मंगलवार
त्रयोदशी तिथि शुरू – 02 नवंबर, 2021 को सुबह 11:31
त्रयोदशी तिथि समाप्त – 09:02 सुबह 03 नवंबर, 2021
प्रदोष पूजा मुहूर्त – 05:35 सायं से 08:11 सायं तक
दिन प्रदोष समय – 05:35 सायं से 08:11 सायं
प्रदोष व्रत 2021: महत्व
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, जो लोग प्रदोष व्रत का पालन करते हैं, भगवान शिव और मां पार्वती उन पर सभी आध्यात्मिक और सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति के साथ आशीर्वाद देते हैं. इतना ही नहीं अगर कोई भक्त किसी बड़े रोग से ग्रसित हो तो वो ठीक होने लगता है.
प्रदोष व्रत 2021: पूजा विधि
– प्रदोष व्रत पूजा शाम में की जाती है, जो संध्याकाल है.
– कुछ भक्त 24 घंटे बिना सोए उपवास करते हैं और कुछ भी खाने से परहेज करते हैं और शाम को प्रसाद खाकर अपना उपवास तोड़ते हैं.
– कुछ भक्त केवल पूजा करते हैं और उपवास नहीं करते हैं, वो सुबह जल्दी स्नान करते हैं और शाम को मूर्तियों के सामने दीपक जलाते हैं और नैवेद्य चढ़ाते हैं.
– भक्त अभिषेक के लिए शिव मंदिरों में जाते हैं.
– शिवलिंग को घी, दूध, शहद, दही, गंगाजल आदि से स्नान कराकर 'ऊं नमः शिवाय' का जाप करते हुए अभिषेक किया जाता है.
– इस दिन महामृत्युंजय मंत्र, शिव चालीसा और अन्य मंत्रों का पाठ किया जाता है.
भगवान शिव को देवों के देव कहा गया है. उनकी आराधना का आशय है मनचाहे फल की प्राप्ति. जो भी भक्त भगवान शिव का सच्चे मन से ध्यान करता है और उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करता है, उनकी सारी मनोकामनाएं स्वत: ही पूर्ण हो जाती है.
भगवान शिव को महाकल्याणकारी कहा गया है. वो सभी का कल्याण करते हैं. भगवान भोलेनाथ अपनी कृपा सबों पर रखते हैं.