जानिए सावन के विनायक चतुर्थी व्रत की तिथि और पूजा मुहूर्त

सावन (Sawan) की विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है.

Update: 2022-07-22 04:38 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।   सावन (Sawan) की विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं. गणपति बप्पा की कृपा से संकट दूर होते हैं, जीवन से विघ्न बाधाएं हट जाती हैं, कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं. सावन माह में शिव परिवार की पूजा करने जीवन सुखमय होता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं सावन के विनायक चतुर्थी व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त आदि के बारे में.

सावन विनायक चतुर्थी व्रत 2022
पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 01 अगस्त दिन सोमवार को प्रात: 04 बजकर 18 मिनट पर प्रारंभ हो रहा है. इस तिथि का समापन 02 अगस्त मंगलवार को प्रात: 05 बजकर 13 मिनट पर होगा. उदयाति​थि के आधार पर सावन का विनायक चतुर्थी व्रत 01 अगस्त को रखा जाएगा. इस दिन सावन का तीसरा सोमवार व्रत भी होगा.
विनायक चतुर्थी 2022 गणेश पूजा मुहूर्त
01 अगस्त को विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा का शुभ समय दिन में 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 48 मिनट तक है. इस दिन आपको ढाई घंटे से अधिक का समय गणपति बप्पा की पूजा के लिए प्राप्त होगा.
सावन की विनायक चतुर्थी रवि योग में है. इस दिन रवि योग सुबह 05 बजकर 42 मिनट से शाम 04 बजकर 06 मिनट तक है. इस दिन शिव योग शाम को 07 बजकर 04 मिनट से प्रारंभ हो रहा है. विनायक चतुर्थी के दिन का शुभ समय या अभिजित मुहूर्त दोहपर 12 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक है.
विनायक चतुर्थी पूजा के शुभ समय के दौरान रवि योग बना हुआ है. शिव और रवि योग शुभ एवं मांगलिक कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं. रवि योग में किए गए कार्य सफल होते हैं क्योंकि इस योग को सूर्य देव का अभीष्ट प्राप्त है.
विनायक चतुर्थी 2022 चंद्रोदय
विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना वर्जित है क्योंकि चंद्रमा गणेश जी से शापित हैं. इस दिन चंद्रमा को देखने से मिथ्या कलंक लगने की डर होता है. शुक्ल पक्ष में चंद्रोदय सुबह में ही हो जाता है, इसलिए आप इस बात का ध्यान रखें कि व्रत वाले दिन आकाश की ओर नहीं देखना है.
सावन विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रोदय सुबह 08 बजकर 41 मिनट पर होगा और चंद्रास्त रात 09 बजकर 37 मिनट पर होगा. इस दिन राहुकाल भी सुबह में ही है. राहुकाल सुबह 07 बजकर 24 मिनट से सुबह 09 बजकर 05 मिनट तक है. राहुकाल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं.
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