सनातन धर्म में हर दिन कोई ना कोई व्रत त्योहार मनाया जाता हैं लेकिन गुरु पूर्णिमा बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि आज यानी 3 जुलाई दिन सोमवार को पड़ा हैं। ये दिन बेहद ही खास माना जाता हैं इस दिन लोग अपने गुरु की पूजा अर्चना करते हैं।
पंचांग के अनुसार हर साल गुरु पूर्णिमा का त्योहार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता हैं इस पर्व को महर्षि वेदव्यास जी की जयंती के रूप में देशभर में धूमधाम से मनाया जाता हैं इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख दवारा गुरु पूर्णिमा की संपूर्ण पूजन की विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
गुरु पूर्णिमा पूजन विधि-
गुरु पूर्णिमा का दिन गुरु पूजा के लिए बेहद ही खास माना जाता हैं मान्यता है कि इस पूजा पाठ करने से देवी देवताओं की कृपा बरसती हैं ऐसे में गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर अपने गुरु और भगवान का ध्यान करें।
फिर अपने गुरु के पास जाकर उनकी पूजा करते हुए उनके चरण छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें अगर आप गुरु के पास नहीं जा सकते हैं तो ऐसे में आप अपने गुरु की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाएं इसके बाद धूप दीपक जलाकर उनकी पूजा आरती करें। वही इन जिन लोगों के गुरु नहीं हैं वे आज के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें माना जाता हैं कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा बरसती हैं।