ज्योतिषाचार्य से जानिए जन्माष्टमी व्रत के लाभ

श्री कृष्ण जन्माष्टमी शुक्रवार को मनाया जाएगा। कुछ ठाकुरबाड़ियों और मंदिरों में इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।

Update: 2022-08-19 11:14 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।    श्री कृष्ण जन्माष्टमी शुक्रवार को मनाया जाएगा। कुछ ठाकुरबाड़ियों और मंदिरों में इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। इस बार वैष्णव एवं गृहस्थ दोनों एक ही दिन जन्माष्टमी मनायेंगे। गुरुवार रात 12:14 बजे ही अष्टमी तिथि का प्रवेश हो गया है, जो शुक्रवार को रात 1:06 बजे तक रहेगा। इसी दिन रोहिणी नक्षत्र रात 4:58 बजे में प्रवेश करेगा। इसीलिए देशभर में शुक्रवार को ही कृष्ण जन्माष्टमी मनाया जायेगा। इसी दिन व्रत रखा जाएगा।

जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में अर्द्धरात्रि को मथुरा में हुआ था।
जो व्यक्ति जन्माष्टमी के व्रत को करता है, वह ऐश्वर्य और मुक्ति को प्राप्त करता है। आयु, कीर्ति, यश, लाभ, पुत्र व पौत्र को प्राप्त कर इसी जन्म में सभी प्रकार के सुखों को भोग कर अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है। जो मनुष्य भक्तिभाव से श्रीकृष्ण की कथा को सुनते हैं, उनके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। वे उत्तम गति को प्राप्त करते हैं। संतान प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत करना सर्वोत्तम व्रतों में एक माना जाता है।
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