जानिए गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2022) के रूप में मनाया जाता है

Update: 2022-06-02 13:51 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2022) के रूप में मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन भागीरथ अपने पूर्वजों का उद्धार करने के लिए मां गंगा को धरती पर लेकर आए थे. मां गंगा को मोक्षदायिनी माना गया है. गंगा में स्नान करने मात्र से व्यक्ति के तमाम पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस बार गंगा दशहरा 9 जून को पड़ रहा है. गंगा दशहरा के दिन गंगा घाटों पर विशेष स्नान का आयोजन किया जाता है और मां गंगा की विशेष पूजा की जाती है. इसके अलावा लोग गंगा दशहरा के दिन दान पुण्य करते हैं. जानिए इस दिन का महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा​ विधि और दान से जुड़ी तमाम बातें.

गंगा दशहरा का महत्व
गंगा दशहरा को गंगा जयंती के तौर पर भी जाना जाता है. माना जाता है कि इस दिन अगर गंगा स्नान किया जाए तो व्यक्ति को कई महायज्ञों के बराबर फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन जो व्यक्ति गंगा नदी के जल में खड़े होकर गंगा स्तोत्र का पाठ करता है और जरूरतमंदों को सामर्थ्य के अनुसार दान करता है, उसके समस्त पाप कट जाते हैं.
गंगा दशहरा शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 9 जून 2022, गुरुवार को सुबह 08 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 10 जून को सुबह 07 बजकर 25 मिनट पर होगा. इसके बाद एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी. गंगा दशहरा का पर्व 9 जून को मनाया जाएगा.
गंगा दशहरा पर बन रहा विशेष संयोग
इस साल गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र पड़ रहा है. माना जाता है कि इसी नक्षत्र में मां गंगा भी धरती पर अवतरित हुईं थीं. हस्त नक्षत्र 9 जून को सुबह 4 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन 10 जून को सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर होगा. इसके अलावा गंगा दशहरा के दिन सुबह से ही रवि योग शुरू हो जाएगा. रवि योग को दान पुण्य और मांगलिक कार्यों के लिहाज से काफी शुभ माना गया है.
गंगा दशहरा पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद गंगा घाट में स्नान करने के लिए जाएं. अगर ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो घर में ही सामान्य पानी में गंगा जल डालकर मां गंगा को याद करें और स्नान करें. गंगा घाट पर स्नान कर रहे हैं, तो पहले जल सूर्यदेव को समर्पित करें, उसके बाद हर हर गंगे बोलकर 10 बार डुबकी लगाएं. इसके बाद मां गंगा का पूजन करें. गंगा पूजन में हर चीज को 10 की संख्या में रखें, जैसे 10 दीपक, 10 फूल, दस पान के पत्ते, 10 फल और 10 प्रकार के नैवेद्य आदि मां गंगा को अर्पित करें. जल में खड़े होकर गंगा स्तोत्र व गंगा मंत्रों का जाप करें. इसके बाद जरूरतमंदों को सामर्थ्य के अनुसार दान करें. संभव हो तो 10 चीजोंं का दान करें.
इन चीजों का दान है उत्तम
ज्येष्ठ माह में चूंकि गर्मी अपने चरम पर होती है, ऐसे में ठंडी चीजों का दान करना उत्तम माना जाता है. आप इस मौके पर सत्तू, घड़ा, पंखा, खरबूजा, जूते, चप्पल, छाता, वस्त्र आदि का दान करें. इसके अलावा आप आटा, दाल, नमक, चावल, घी, सब्जी आदि का भी दान कर सकते हैं.
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