माघी पूर्णिमा 2022 शोभन योग में जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय

माघ माह की पूर्णिमा तिथि को माघी पूर्णिमा या माघ पूर्णिमा कहते हैं.

Update: 2022-02-09 02:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।माघ माह की पूर्णिमा तिथि को माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima) या माघ पूर्णिमा कहते हैं. माघ पूर्णिमा के दिन नदियों में स्नान एवं दान करने का महत्व है. इस साल माघी पूर्णिमा 16 फरवरी दिन बुधवार को है. इस दिन शोभन योग (Shobhan Yog) में पूर्णिमा है, जो शुभ है. इस दिन व्रत रखने, चंद्रमा एवं माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) की पूजा करने और सत्यनारायण भगवान की कथा (Satyanarayan Katha) का आयोजन कराने का विधान है. ऐसा करने से परिवार में सुख एवं शांति में वृद्धि होती है. माता लक्ष्मी की कृपा से धन एवं वैभव में बढ़ोत्तरी होती है और सत्यनारायण भगवान मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं. आइए जानते हैं इस साल की माघी पूर्णिमा की सही तिथि, मुहूर्त, चांद के निकलने का समय एवं महत्व के बारे में.

माघी पूर्णिमा 2022 पूजा मुहूर्त
हिन्दू कैलेंडर के आधार पर इस साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 15 फरवरी को रात 09:12 बजे से शुरु हो रही है. यह तिथि 16 फरवरी को देर रात 01:25 बजे तक मान्य है. 16 फरवरी को ही पूर्णिमा का चांद उदयातिथि में प्राप्त होगा. ऐसे में माघी पूर्णिमा 16 फरवरी को है, इस दिन ही व्रत एवं पूजा की जाएगी.
माघी पूर्णिमा के दिन शोभन योग बना हुआ है. 16 फरवरी को शोभन योग रात 08 बजकर 44 मिनट तक है. इस दिन चंद्रोदय शाम को 05:54 बजे होगा. ऐसे में चंद्रमा का पूजन आप इस समय से कर सकते हैं.
पूर्णिमा को लक्ष्मी पूजन
पूर्णिमा को माता लक्ष्मी की पूजा शाम के समय में करने का विधान है. इस शाम आपको माता लक्ष्मी की पूजा के बाद चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए. माता लक्ष्मी की पूजा करते समय आप कनकधारा स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं. मान्यता है कि इस पाठ को करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है.
माघी पूर्णिमा का महत्व
माघ माह स्नान एवं दान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. उसमें भी माघ पूर्णिमा का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन स्नान, दान एवं पूजा पाठ की जाती है. सत्यनारायण भगवान की कथा के श्रवण से दुख दूर होते हैं, जीवन में खुशहाली आती है.


Tags:    

Similar News

-->