जानें प्रदोष व्रत की शुभ तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

इस बार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2022) 12 जून को पड़ रहा है. ये दिन भगवान शिव को समर्पित है.

Update: 2022-06-11 12:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस बार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2022) 12 जून को पड़ रहा है. ये दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत महीने में 2 बार रखा जाता है. हर महीने की त्रयोदशी तिथि को ये व्रत रख जाता है. इसमें पहला व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है वहीं दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदाशी को रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा करने और व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस व्रत को रखने से अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की प्राप्ति होती है. आइए जानें शुभ तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि.

प्रदोष व्रत तिथि 2022
ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 12 जून रविवार सुबह 3 बजकर 23 मिनट से होगी. ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी तिथि का समापन 13 जून सोमवार सुबह 12 बजकर 26 मिनट पर होगा.
पूजा का शुभ मुहूर्त
रवि प्रदोष 12 जून को शाम 07:19 से लेकर रात 09:20 है. इस प्रकार 2 घंटे के लिए प्रदोष पूजा का शुभ समय प्राप्त होगा.
शिव योग 11 जून सुबह 08 बजकर 46 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.
सिद्ध योग 12 जून शाम 05 बजकर 27 मिनट से 13 जून दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक रहेगा.
पूजा विधि
ज्योतिष के अनुसार इस दिन भगवान शिव के साथ देवी पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय और नंदी की पूजा विधि-विधान से की जाती है. इस दिन शिवलिंग पर घी, दूध और दही से अभिषेक किया जाता है. इसके बाद जलाभिषेक होता है. शिवलिंग पर फल, फूल, बेलपत्र और धतूरा आदि अर्पित किए जाते हैं. इसके बाद भगवान को भोग लगाया जाता है. भगवान शिव को चावल से बनी खीर का भोग लगाएं. धूप-दीप जलाएं. शिव चालीसा और मंत्र का जाप करें. ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप 108 बार करें. पंचाक्षरी स्तोत्र का पाठ 5 बार करें. इसके बाद भगवान की आरती करें. ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. सौभाग्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिलता है. अगर प्रदोष व्रत रविवार को पड़े तो इसे रवि प्रदोष कहा जाता है. रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है. इस दिन सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य देना बहुत ही शुभ माना जाता है. इससे कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है. इससे करियर भी सफलता प्राप्त होती है. रुके हुए काम बनने लगते हैं. मान-सम्मान बढ़ता है.
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