जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जीवन को सही दिशा देने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है, अच्छी शिक्षा ही अच्छा भविष्य बना सकती है. ऐसे में आजकल यदि कोई विद्यार्थी रास्ता भटक जाता है तो उसका पूरा जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है. लेकिन आचार्य चाणक्य ने छात्रों के लिए कई सफलता के राज बताएं हैं. चाणक्य का मानना है कि पढ़ाई के दौरान कुछ बातों को ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. चाणक्य ने 7 ऐसी बातें बताई हैं जिनसे छात्रों का दूर रहना ही बेहतर है.
1. कामवासना
छात्र को कामवासना से दूर रहना चाहिए. यदि कोई छात्र कामवासना में पड़ता है तो वैसे छत्रों को अध्ययन में मन नहीं लगता. कामवासना के विचार से मन हमेशा भटकता रहता है. फलस्वरूप छात्र-छात्राओं के लिये काम क्रिया से दूर रहना ही उत्तम होता है.
2. क्रोध
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुस्सा तो हर इंसान के लिए सबसे बड़ा शत्रु होता है. क्रोध के वश में आते ही व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है. क्रोध से छात्रों को हमेशा बचना चाहिए.
3. लालच
लालच अध्ययन के मार्ग में बड़ा बाधक माना जाता है. कहा भी गया कि लालच बुरी बला है. छात्रों को किसी भी बात के लिए लालच नहीं करना चाहिए.
4. स्वाद
छात्र जीवन को तपस्वी की तरह माना गया है. छात्र को स्वादिष्ट भोजन का प्रयास छोड़ देना चाहिए और संतुलित आहार लेने की कोशिश करनी चाहिए.'
5. मनोरंजन
आचार्य चाणक्य का मानना है कि छात्रों के लिए आवश्यकता से अधिक मनोरंजन नुकसानदायक हो सकता है. जितना संभव हो उतना ही मनोरंजन करें.
6. नींद
स्वस्थ शरीर के लिए नींद पर्याप्त होना जरूरी है. इससे मन शांत और अध्ययन में मन लगा रहता है. अधिक नींद लेने वाले विद्यार्थियों को समय अभाव और आलस्य जैसी कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है…