जानिए गणेश जी को 10 दिन में लगाएं 10 भोग
गणेश चतुर्थी का त्योहार कल 31 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि है.
न्यूज़ क्रेडिट: news18
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गणेश चतुर्थी का त्योहार कल 31 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि है. इस बार गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन भगवान गणेश जी के जन्म जैसा ही दुर्लभ योग बन रहा है. दरअसल इस साल गणेश चतुर्थी बुधवार के दिन है और जब गणेश जी का जन्म हुआ था, तब भी बुधवार दिन था. गणेश जी के जन्म के समय बुध देव कैलाश पर ही उपस्थित थे. इस वजह से हर बुधवार को गणेश जी का पूजन भी किया जाता है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी बता रहे हैं कि गणेश चतुर्थी के 10 दिनों के उत्सव में आप हर दिन गणपति बप्पा को अगल भोग लगा सकते हैं और अपने मन की मुरादें पूरी कर सकते हैं यानि 10 दिन में बप्पा के लिए 10 भोग.
गणेश चतुर्थी पर बुधवार के साथ रवि योग भी
गणेश चतुर्थी के दिन बुधवार का संयोग तो है ही, इस दिन रवि योग भी बन रहा है. इन दो विशेष योगों के कारण गणेश चतुर्थी का महत्व और बढ़ गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रवि योग में गणेश जी की पूजा करने से सभी कष्टों का नाश होता है और कार्यों में सफलता मिलती है. रवि योग सभी अशुभ योगों को नष्ट कर देता है. वैसे भी गणेश जी तो स्वयं शुभ हैं, वे जहां होते हैं, वहां अमंगल हो ही नहीं सकता है.
गणेश चतुर्थी तिथि
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि का आरंभ: आज 30 अगस्त, दोपहर 03:34 बजे से
चतुर्थी तिथि का समापन: 31 अगस्त, दोपहर 03:23 बजे
गणेश जी को 10 दिन में 10 भोग
1. गणपति बप्पा को मोदक बहुत पंसद है, इसलिए जन्मोत्सव के पहले दिन भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाएं.
2. दूसरे दिन गणेश जी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं.
3. तीसरे दिन भगवान गजानन जी को मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं.
4. चौथे दिन गणेश जी को केले का भोग लगाना चाहिए.
5. भगवान गजमुख को पांचवें दिन मखाने की खीर का भोग लगाना चाहिए.
6. गणेश चतुर्थी के छठे दिन मेवे का भोग लगाएं.
7. गणेशोत्सव के सातवें दिन नारियल के लड्डू का भोग लगाएं.
8. गणेश जयंती के आठवें दिन दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना अच्छा रहेगा.
9. गणेश चतुर्थी के नौवें दिन केसर के श्रीखंड का भोग लगाना उत्तम रहेगा.
10. गणेश चतुर्दशी यानि 10वें दिन भगवान गणेश को मालपुआ का भोग लगाएं.