जानिए कालाष्टमी व्रत पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में मासिक कालाष्टमी व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कालाष्टमी का पावन पर्व मनाया जाता है

Update: 2022-05-22 05:29 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में मासिक कालाष्टमी व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कालाष्टमी का पावन पर्व मनाया जाता है। यह तिथि भगवान भैरवनाथ को समर्पित होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान भैरवनाथ की पूजा- अर्चना की जाती है। कालाष्टमी को भैरवाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस समय ज्येष्ठ माह चल रहा है। ज्येष्ठ माह में कालाष्टमी व्रत 22 मई को रखा जाएगा।भक्तजन इस दिन भैरव बाबा को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं। आइए जानते हैं कालाष्टमी व्रत पूजा- विधि और पूजन का शुभ मुहूर्त-

मुहूर्त-
ज्येष्ठ, कृष्ण अष्टमी प्रारम्भ - 12:59 पी एम, मई 22
ज्येष्ठ, कृष्ण अष्टमी समाप्त - 11:34 ए एम, मई 23
पूजा- विधि...
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत रखें।
घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें।
इस दिन भगवान शंकर की भी विधि- विधान से पूजा- अर्चना करें।
भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और गणेश भगवान की पूजा- अर्चना भी करें।
आरती करें और भगवान को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
कालाष्टमी व्रत का फल-
इस पावन दिन भगवान भैरव की पूजा करने से सभी तरह के भय से मुक्ति मिल जाती है।
कालाष्टमी के दिन व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
भैरव बाबा की कृपा से शत्रुओं से छुटकारा मिल जाता है।
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