जानिए नवरात्रि में अखंड जोत कैसे, कब और किस दिशा में जलाये
02 अप्रैल 2022, दिन शनिवार से चैत्र नवरात्रि शुरु हो रही हैं। वहीं इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिनों की होगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 02 अप्रैल 2022, दिन शनिवार से चैत्र नवरात्रि शुरु हो रही हैं। वहीं इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिनों की होगी। 11 अप्रैल को व्रत पारण के साथ ही चैत्र नवरात्रि का समापन हो जाएगा। चैत्र मास शुक्ल प्रतिपदा तिथि को इंद्र योग में कलश स्थापना की जाएगी। जोकि बहुत ही शुभ योग होगा। नवरात्रों में बहुत से लोग कलश स्थापना के साथ ही अखंड जोत भी जलाते हैं। नवरात्रि के नौ दिन अखंड ज्योति प्रज्जवलित करने का बहुत महत्व है। इससे घर में सकारात्मकता आती है और देवी मां प्रसन्न होकर भक्तों की सारी मनोकामना पूरी करती हैं। तो आइए जानते हैं अखंड जोत से जुड़े कुछ जरुरी नियमों के बारे में...
अखंड जोत कब और कैसे जलाये
शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना और पूजा के समय अखंड जोत जलाकर इसकी विधि-विधान से पूजा की जाती है। अगर आप नवरात्रि में अखंड जोत जला रहे है तो ज्योति प्रज्वलित करने से पहले इसका संकल्प जरुर करें और पूरे भक्ति-भाव के साथ मां दुर्गा से इसे निर्विघ्न पूरा करने की प्रार्थना करें। अखंड जोत पूरे नौ दिनों तक अनवरत जलना सौभाग्य का सूचक होता है। अखंड जोत के लिए एक स्वच्छ पीतल का दीया लें। पीतल को सबसे शुभ धातु माना गया है। अगरआपके पास पीतल का दीया नहीं है तो आप मिट्टी का दीया भी ले सकते हैं। अखंड ज्योति को कभी भी सीधे जमीन पर ना रखें। बल्कि अखंड जोत को किसी लकड़ी की चौकी पर रखकर जलाना चाहिए। ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे अष्टदल बना लें। अखंड जोत जलाने के लिए शुद्ध देसी घी, सरसों या फिर तिल के तेल का इस्तेमाल करें। अखंड जोत के लिए मौली से बनी बाती का ही इस्तेमाल करें। क्योंकि यह बाती कई दिनों तक चलती रहेगी। कलावे की लंबाई इतनी रखें कि, ज्योति नौ दिनों तक जलती रहे।
अखंड जोत बुझ जाए तो क्या करें
अखंड दीप ना बूझे इसके लिए दीपक का दिन रात ध्यान रखे और दीपक की बाती को ही दिन थोड़ा-थोड़ा बढ़ाते रहे। कई बार ऐसा करते वक्त दीपक बुझ भी सकता है। ऐसे में बाती बढ़ाने से पहले ही आप एक दीया जलाकर रख दें। जो आपके अखंड दीपक का प्रतिनिधित्व करेगा। जिस दिन आपका संकल्प पूरा हो जाय उस दिन अखंड दीपक की लौ को बुझाने की कोशिश न करें। बल्कि उसे अपने आप ही जलते रहने दें।
अखंड जोत को किस दिशा में रखें
वास्तु के अनुसार, नवरात्रि के दौरान जलायी जाने वाली अखंड जोत पूर्व-दक्षिण कोण मे यानि आग्नेय कोण में रखना शुभ माना जाता है। आग्नेय कोण का मूल तत्व अग्नि है और इस दिशा को गर्म दिशा भी कहा जाता है। शुक्र इस दिशा के स्वामी हैं। जोकि व्यक्ति को ऐश्वर्य प्रदान करते हैं। अगर आप घर में अखंड जोत की देखभाल नहीं कर सकते हैं तो आप किसी मंदिर में देसी घी अखंड जोत के लिए दान कर सकते हैं। अखंड जोति को देवी मां के दाईं ओर रखना चाहिए।