जानिए कैसे जुड़ा है राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी से होली का त्योहार
देशभर में आज होली के त्यौहार की धूम है। लोग अपने-अपने तरीक से रंगों का त्योहार होली मना रहे हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देशभर में आज होली के त्यौहार की धूम है। लोग अपने-अपने तरीक से रंगों का त्योहार होली मना रहे हैं। होली को लेकर तरह की मान्यताएं और कहानियां भी प्रचलित है। होली का त्योहार राधा और कृष्ण (Radha Krishna) की प्रेम कहानी से भी जुड़ा हुआ है।
वसंत के इस मोहक मौसम में एक दूसरे पर रंग डालना उनकी लीला का एक अंग माना गया है। होली के दिन वृन्दावन राधा और कृष्ण के इसी रंग में डूबा हुआ होता है।
ब्रज क्षेत्र यानी मथुरा, वृंदावन, गोकुल, बरसाना और नंदगांव के आराध्य देवता भगवान कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी को भी होली से जोड़कर देखा जाता है। बसंत ऋतु में एक-दूसरे को रंग बिरंगे रंगों से रंगना भगवान कृष्ण की लीलाओं में से एक माना गया है। होली को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
इसके अलावा होली को प्राचीन हिंदू त्योहारों में से एक माना जाता है। ऐसे प्रमाण मिले हैं कि ईसा मसीह के जन्म से कई सदियों पहले से होली का त्योहार मनाया जा रहा है। होली का वर्णन जैमिनि के पूर्वमीमांसा सूत्र और कथक ग्रहय सूत्र में भी है।
प्राचीन भारत के मंदिरों की दीवारों पर भी होली की मूर्तियां मिली हैं। विजयनगर की राजधानी हंपी में 16वीं सदी का एक मंदिर है। इस मंदिर में होली के कई दृश्य हैं जिसमें राजकुमार, राजकुमारी अपने दासों सहित एक दूसरे को रंग लगा रहे हैं।