जानिए कैसे हुई कामधेनु गाय की उत्पत्ति
हिंदू धर्म में गाय को माता माना जाता है। लोग गाय की पूजा करते हैं। गाय को पूजने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में गाय को माता माना जाता है। लोग गाय की पूजा करते हैं। गाय को पूजने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। ग्रंथों में भी एक ऐसी गाय का जिक्र है जिसे देवी की तरह पूजा जाता है। इसका नाम है कामधेनु। कहते हैं कि कामधेनु को पूजने से मन की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। क्या आपको पता है कि कामधेनु गाय की उत्पत्ति कैसे हुई थी? इसके दूसरे नाम क्या हैं?
कामधेनु की उत्पत्ति
कामधेनु एक पूर्ण श्वेत (सफेद) गाय है। माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई है। देवताओं और दानवों के बीच हुए समुद्र मंथन से कई रत्न निकले, उनमें से कामधेनु भी एक रत्न है। माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान तेज ध्वनि आई और जब देव और दानवों ने ऊपर देखा तो साक्षात कामधेनु नजर आईं। कामधेनु को ऋषियों ने अपने पास रख लिया।
कैसी दिखती है कामधेनु
कामधेनु एक सफेद गाय है, जिसके अंदर कई देवी-देवता निवास करते हैं। कुछ कथाओं में कामधेनु का सिर एक महिला की तरह बताया गया है। इसे गायों की माता भी माना जाता है। समुद्र मंथन से उत्पत्ति होने के बाद कामधेनु ने कई चमत्कार दिखाए। जिस किसी के पास ये गाय होती, उसके सभी कार्य सिद्ध हो जाते थे। राजा-महाराजा से लेकर ऋषि-मुनि तक, कामधेनु के चमत्कारों से अभिभूत हुए। लोग उसकी पूजा करने लगे। कहा जाता है कि कामधेनु के पास ऐसी शक्तियां हैं, जिससे हर मनोकामना पूर्ण हो सकती है।
कहा जाता है कि कामधेनु स्वर्गलोक में रहती है। मौजूदा समय में कामधेनु के दर्शन करना संभव नहीं है। इसलिए लोग धरती पर मौजूद हर गाय को कामधेनु का रूप मानकर पूजा करते हैं। कामधेनु का मन निर्मल होता है। कई ग्रंथों में कामधेनु के अलग-अलग नामों का जिक्र किया गया है, जिनमें सुरभि, नंदा, सुनंदा, सुमन, नंदिनी, सुशीला शामिल हैं।