जानिए हरतालिका तीज व्रत और पूजा विधि
आज 30 अगस्त को भाद्रपद माह की हरतालिका तीज (Hartalika Teej) व्रत है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हरतालिका तीज भाद्रपद शुक्ल तृतीया को मनाई जाती है.
न्यूज़ क्रेडिट: news18
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज 30 अगस्त को भाद्रपद माह की हरतालिका तीज (Hartalika Teej) व्रत है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हरतालिका तीज भाद्रपद शुक्ल तृतीया को मनाई जाती है. इस दिन माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करते हैं. सुहागन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं निर्जला व्रत रखती हैं. यह व्रत अन्य सभी अखंड सौभाग्य देने वाले व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि तृतीया तिथि कल 29 अगस्त को दोपहर 03:20 बजे लगी है और आज 30 अगस्त को दोपहर 03:33 बजे तक रहेगी. आज रवि योग के साथ ही शुभ और शुक्ल योग भी है.
पूजा का मुहूर्त और शुभ योग
तीज पूजा का समय: सुबह 05:58 बजे से सुबह 08:31 बजे तक
दोपहर पूजा का समय: 11:56 बजे से 12:47 बजे तक
रवि योग: आज सुबह 05:58 बजे से रात 11:50 बजे तक, फिर अगली सुबह 03:31 बजे से सुबह 05:58 बजे तक
शुभ योग: आज सुबह से लेकर रात 12:05 बजे तक, उसके बाद शुक्ल योग प्रारंभ
व्रत पारण का समय
कल सुबह 05:58 बजे के बाद से. इस समय सूर्योदय हो जाएगा.
तीज पूजा का मंत्र
ओम गणेशाय नम:
ओम नम: शिवाय
या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
संक्षिप्त कथा
पर्वतराज हिमालय भगवान विष्णु से अपनी पुत्री पार्वती का विवाह करना चाहते थे. यह बात पार्वती जी के सखियों को पता चली तो वे उनको घने जंगल में ले गईं. वहां पर माता पार्वती एक गुफा में रेत का शिवलिंग बनाकर कठोर तप करने लगीं. कई वर्षों के तप के बाद भगवान शिव प्रसन्न हुए और माता पार्वती की मनचाहे वर प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण हुई. पिता की अनुमति से भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ.
हरतालिका तीज व्रत और पूजा विधि
1. आज प्रात:काल में हरतालिका तीज के निर्जला व्रत और पूजा का संकल्प लें. उसके बाद शुभ मुहूर्त में माता पार्वती, गणेश जी और भगवान शिव की मिट्टी की मूर्ति बनाएं या तस्वीर को एक चौकी पर स्थापित कर दें.
2. इसके बाद सबसे पहले अक्षत्, लाल फूल, दूर्वा, सुपारी, पान का पत्ता, कुमकुम, चंदन, धूप, दीप आदि से गणेश जी का पूजन करें.
3. फिर भगवान शिव को फूल, अक्षत्, बेलपत्र, गंगाजल, गाय का दूध, शमी के पत्ते, शहद, शक्कर आदि अर्पित करें और पूजन करें.
4. अब माता पार्वती की पूजा करें. उनको अक्षत्, फूल, सिंदूर, सोलह श्रृंगार की सामग्री, चुनरी, लाल साड़ी, मेहंदी, फल, मिठाई आदि चढ़ाएं. उसके बाद श्री पार्वती चालीसा, हरतालिका तीज व्रत कथा पढ़ें.
5. पूजा का समापन माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की आरती से करें. इसके लिए घी के दीपक का उपयोग करें. पूजा के बाद तीज माता से क्षमा प्रार्थना करें और अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए निवदेन करें.
6. इसके बाद प्रसाद वितरण करें. अपनी सास या ननद को 18 श्रृंगार की सामग्री भेंट कर आशीर्वाद लें. दिन में न सोएं. रात्रि के समय में जागरण करें.