माता लक्ष्मी से जुड़े तथ्य जो आपको हैरान कर देंगे, जानें

Unknown Facts about Mata Lakshmi in Hindi : माता लक्ष्मी को शास्त्रों में श्रीहरि की पत्नी बताया गया है. लेकिन तमाम लोगों का मानना है कि श्रीहरि की पत्नी महालक्ष्मी हैं. वो वैकुंठ में निवास करती हैं. जबकि लक्ष्मी समुद्र मंथन से जन्मी हैं और धन की देवी हैं. आज शुक्रवार के दिन यहां जानिए लक्ष्मी जी से जुड़ी तमाम मान्यताएं.

Update: 2022-02-04 03:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। माता लक्ष्मी को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं. कुछ लोगों का मानना है कि समुद्र मंथन (Samudra Manthan) के समय जो लक्ष्मी पैदा हुई थीं, उनके हाथ में स्वर्ण से भरा कलश है. इस कलश द्वारा लक्ष्मीजी धन की वर्षा करती रहती हैं. लेकिन सही मायने में जो श्रीहरि की अर्धांगनी हैं, उन लक्ष्मी का जन्म शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के दिन हुआ था. वो ऋषि भृगु और माता ख्याति की पुत्री हैं. उन्हें महालक्ष्मी (Maha Lakshmi) कहा जाता है. महालक्ष्मीजी के 4 हाथ बताए गए हैं. जो दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प, श्रमशीलता और व्यवस्था शक्ति के प्रतीक हैं. माता महालक्ष्मी अपने सभी हाथों से सदैव भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी को समर्पित होता है. ऐसे में आज हम जानेंगे माता लक्ष्मी से जुड़ी वो बातें, जिन्हें जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे.

– कुछ मान्यताओं के अनुसार महालक्ष्मी जो विष्णु भगवान के साथ वैकुंठ में निवास करती हैं, उनके आठ स्वरूप बताए गए हैं. स्वर्गलक्ष्मी, जो स्वर्ग में निवास करती हैं, राधाजी, जो गोलोक में निवास करती हैं, दक्षिणा, जो यज्ञ में निवास करती हैं, गृहलक्ष्मी, जो गृह में निवास करती हैं, शोभा, जो हर वस्तु में निवास करती हैं, सुरभि, जो गोलोक में निवास करती हैं, राजलक्ष्मी, जो पाताल और भूलोक में निवास करती हैं.
– कहा जाता है कि समुद्र मंथन से जन्मी लक्ष्मी का विष्णु पत्नी महालक्ष्मी से सीधे तौर पर कोई संबन्ध नहीं है. समुद्र मंथन से जन्मी लक्ष्मी को ही धन की देवी कहा जाता है. इनका घनिष्ठ संबंध देवराज इन्द्र और कुबेर से है. इन्द्र देवताओं और स्वर्ग के राजा हैं और कुबेर देवताओं के खजाने के रक्षक के पद पर आसीन हैं. धन की देवी की कृपा से ही इन्द्र और कुबेर को इस तरह का वैभव और राजसी सत्ता प्राप्त है. लक्ष्मी को काफी चंचल स्वभाव का बताया जाता है.
– हालांकि कुछ लोग माता लक्ष्मी को ही महालक्ष्मी और विष्णुप्रिया बताते हैं और उनके आठ स्वरूप बताए जाते हैं. आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी. उनका मानना है कि ये अष्ट लक्ष्मी विष्णु पत्नी महालक्ष्मी का ही रूप हैं.
– ये भी कहा जाता है कि समुद्रमंथन से जिन लक्ष्मी उत्पत्ति भी हुई थी, उसका तात्पर्य लक्ष्मी यानी श्री और समृद्धि यानी सोना-चांदी आदि कीमती धातुओं की उत्पत्ति से है. वहीं कुछ लोग उन लक्ष्मी को कमला कहते हैं और देवी मानकर पूजते हैं. कमला, जो 10 महाविद्याओं में से अंतिम महाविद्या हैं.


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